लव जिहाद कानून की महत्वपूर्ण धाराओं पर रोक, हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाएगी ये सरकार
राज्य सरकार द्वारा प्रेस विज्ञप्ति देकर जानकारी दी गई है.
गुजरात हाईकोर्ट ने बीते सप्ताह राज्य के लव जिहाद कानून की महत्वपूर्ण धाराओं पर रोक लगा दी थी. इसी मामले में गुरुवार को फिर से कोर्ट में सुनवाई हुई. हाईकोर्ट के रुख के बाद गुजरात सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में जाने का फैसला किया है. गुजरात सरकार सुप्रीम कोर्ट में हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती देगी. राज्य सरकार द्वारा प्रेस विज्ञप्ति देकर जानकारी दी गई है. मुख्यमंत्री विजय रुपाणी ने कहा है कि लव-जिहाद कानून सरकार का राजनीतिक एजेंडा नहीं है.
हाई कोर्ट में एडवोकेट जनरल ने मांग की कि कानून की धारा-5 का शादी के साथ कोई लेना-देना नहीं है. दरअसल, धारा-5 के मुताबिक, अगर किसी को भी दूसरे धर्म में शादी करनी हो तो उसे जिला मजिस्ट्रेट की अनुमति लेनी अनिवार्य किया गया है.
धारा-5 को राइट टू प्राइवेसी और फ्रीडम ऑफ रिलीजन के आधार पर हाई कोर्ट ने गैरक़ानूनी मानते हुए रोक लगायी थी. हाईकोर्ट ने ये फैसला जमीयत उलेमा-ए-हिंद की याचिका पर सुनाया था. जमीयत ने इस कानून पर रोक लगाने की मांग की थी. गुजरात सरकार ने इसी साल 15 जून को कथित लव जिहाद को रोकने के लिए 'गुजरात धर्म की स्वतंत्रता (संशोधन) अधिनियम 2021' लागू किया था.
बता दें कि याचिका पर फैसला देते हुए हाईकोर्ट ने कानून की धारा- 3,4,5 और 6 के संशोधनों को लागू करने पर रोक लगा दी थी. हाईकोर्ट ने कहा था कि पुलिस में FIR तब तक दर्ज नहीं हो सकती, जब तक यह साबित नहीं हो जाता कि शादी जोर-जबरदस्ती से और लालच में फंसाकर की गई है.