कुर्बानी का त्योहार ईद-उल-अजहा (बकरीद) की तैयारियां शुरू हो गई हैं। रविवार को इस्लामिक महीने जिलहिज्ज के चांद की तस्दीक हो गई है। 21 जुलाई को पूरे देश में बकरीद का पर्व मनाया जाएगा। शहर के ईदगाहों और प्रमुख मस्जिदों में ईद-उल-अजहा की विशेष नमाज सुबह छह बजे से लेकर 10.30 बजे तक अदा करने की तैयारी है। कोरोना संक्रमण की वजह से पिछले साल लोगों को घर ही नमाज अदा करनी पड़ी थी, लेकिन इस बार लोगों को ईदगाहों और मस्जिदों में जमात के साथ नमाज अदा करने की उम्मीद है। रविवार से ईदगाहों में साफ-सफाई का काम भी शुरू हो जाएगा। मरकजी चांद कमेटी के अध्यक्ष मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली ने रविवार को इस्लामिक माह जिलहिज्ज का चांद होने का ऐलान किया। उन्होंने कहा कि ईद उल अजहा का त्योहार अब 21 जुलाई को मनाया जाएगा।
इदारा ए शरइया फिरंगी महल के अध्यक्ष मुफ्ती अबुल इरफान मियां फिरंगी महली ने ऐलान किया है कि रविवार 29 जि़कादा को ज़िलहिज्ज के चांद की तस्दीक हो गई है। 12 जुलाई दिन सोमवार को सोमवार को ज़िलहिज्ज की पहली तारीख होगी। ईद उल अज़हा 21 जुलाई दिन बुधवार को होगी। वहीं, शिया चांद कमेटी के अध्यक्ष मौलाना सैय्यद सैफ अब्बास नकवी ने सूचना दी है कि 11 जुलाई 2021 को ज़िलहिज्ज (बक़रा ईद) का चांद हो गया है। इसलिए 12 जुलाई 2021 को ज़िलहिज्ज की पहली तारीख होगी। शहादते हजरत मुसलिम बिन अक़ील 20 जुलाई को होगी। बक़राईद 21 जुलाई 2021 को मनाई जाएगी। हफ्ता-ए-विलायत 18 ज़िलहिज्ज 29 जुलाई से 24 ज़िल्हिज्जा चार अगस्त 2021 तक होगा।
इदारा ए शरइया फिरंगी महल के अध्यक्ष मुफ्ती अबुल इरफान मियां फिरंगी महली ने बताया कि ईद-उल-अजहा के दिन अल्लाह की राह में कुर्बानी करना सुन्नत है। हजरत इब्राहिम की यह सुन्नत हर उस मुसलमान को माननी होती है, जिसकी हैसियत कुर्बानी करने की है। अल्लाह उन्हीं लोगों की कुर्बानी कबूल करता है जो सही ढंग से कुर्बानी के सभी अरकानों को पूरा करते हैं। सबसे अहम बात यह है कि कुर्बानी का जानवर अगर घर में पला-बढ़ा है तो वो सबसे बेहतर होता है।