गोशाला का बुरा हाल, चारा नहीं मिलने से 61 गायों की हुई मौत

मामला इस राज्य का

Update: 2021-07-10 12:31 GMT

मध्य प्रदेश के सीधी जिले की एक गोशाला में 3 महीने के अंदर 61 गायों की मौत का मामला सामने आया है. गोशाला में काम कर रहे महिला स्वयं सहायता समूह ने गायों की मौत का राज खोला. उसने मामले की शिकायत में जिला अधिकारी से की है. महिला समूह का आरोप है कि 10 महीने से गोशाला भुगतान रुका हुआ है. शिकायत के बाद अब जिला प्रशासन मामले की जांच जुटा है. वहीं दोषियों पर कार्रवाई का भरोसा भी दे रहा है.

मामला सीधी के सिहाबल जनपद क्षेत्र के सिहौलीय ग्राम पंचायत का है. यहां लाखों की लगात से गोशाला बनाया गया था. यहां आवारा मेवेशी रखे जाते हैं. इनके रख-रखाव की जिम्मेदारी ग्राम पंचायत और एक महिला स्वयं सहायता समूह को सौंपी गई है. यहां 100 से अधिक मवेशी रजिस्टर्ड कर गोशाला में रखे गए थे. लेकिन पिछले तीन महीने के अंदर अबतक करीब 61 गायों की मौत हो गई है. लेकिन स्थानीय प्रशासन को मामले की भनक तक नहीं लगी और न ही गायों की मौत के कारण की जांच हो सकी. 

बताया जाता है कि ये सारी मौतें प्रशासनिक बदइंतजामी की वजह से हुई हैं. यहां काम कर रहे महिला समूह को भी 10 महीने से भुगतान नहीं मिला है. महिला समूह ने मामले की शिकायत कलेक्टर और जिला पंचायत CEO से की है. गोशाला में गायों की मौत की शिकायत सुन अधिकारी हैरान रह गए और आनन-फानन में मामले की जांच और दोषियों पर कार्रवाई का भरोसा देने लगे. समूह की महिलाओं का कहना है कि समय पर मेवेशियों को चारा भूसा न मिलने से भूख की वजह से 61 गायों की मौत हुई है. पंचायत से सामग्रियों की मांग की जाती रही, लेकिन समय पर नहीं मिलता था और न ही 10 महीने से गोशाला में काम कर रहे समूह को भुगतान किया गया है. आरोप है कि महिला समूह का पैसा पंचायत कर्मी रोके हुए हैं. जिला पंचायत CEO स्वीकार कर रहे हैं कि गौशाला में गायों की मौत और भुगतान न होने की शिकायत मिली है. मामले की जांच कराई जाएगी और दोषियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी.

बहरहाल, पूर्ववर्ती कमलनाथ सरकार ने सीधी जिले में 80 से अधिक गोशाला स्वीकृत किए थे, जिनमें से दर्जन भर से अधिक गोशाला संचालित भी होने लगे हैं. शेष अभी निर्माणाधीन है, लेकिन अगर इसी तरह से प्रशासनिक रवैया बना रहा तो गोशाला में गायें बेमौत मारी जाएंगी.

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