बबिता जी की मुश्किलें बढ़ीं, कोर्ट ने खारिज की याचिका, जल्द हो सकती है गिरफ्तार

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Update: 2022-01-28 15:50 GMT

नई दिल्ली: तारक मेहता का उल्टा चश्मा से प्रसिद्ध हुईं अभिनेत्री मुनमुन दत्ता उर्फ बबिता जी की अग्रिम जमानत की याचिका हिसार की एससी एसटी एक्ट के तहत स्थापित विशेष अदालत के जज अजय तेवतिया ने खारिज कर दी है. जिससे बबिता जी की मुश्किलें बढ़ गई हैं और उनके ऊपर गिरफ्तारी का खतरा मंडराने लगा है.

मुनमुन दत्ता उर्फ बबिता जी ने अपने यूट्यूब चैनल पर पिछले साल 9 मई को एक वीडियो जारी कर अनुसूचित जाति समाज के बारे में एक अपमानजनक टिप्पणी की थी, जिस बारे में दलित अधिकार कार्यकर्ता व वकील रजत कल्सन ने थाना शहर हांसी में 13 मई को एससी एसटी एक्ट की धाराओं के तहत एक मुकदमा दर्ज कराया था. मुनमुन दत्ता और बबिता जी के विरुद्ध हरियाणा के हांसी के अलावा उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, दिल्ली, राजस्थान व मध्य प्रदेश में भी एफआईआर दर्ज हुई थी. इन मुकदमों को लेकर मुनमुन दत्ता ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर सभी मुकदमों की जांच एक जगह हरियाणा के हांसी में करने की मांग की थी. इसके अतिरिक्त मुनमुन दत्ता ने सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका में मांग की थी कि उनके खिलाफ दर्ज सभी मामलों को खारिज किया जाए, जिसे सुप्रीम कोर्ट ने ठुकरा दिया था.
उसके बाद मुनमुन दत्ता ने फिर हाई कोर्ट का रुख कर गिरफ्तारी पर रोक की मांग की थी, परंतु बाद में उनके वकील ने हाई कोर्ट से याचिका वापस ले ली थी. अब उन्होंने हिसार की एससी एसटी एक्ट के तहत स्थापित अदालत में याचिका दायर की थी, जिस पर 25 जनवरी को दोनों पक्षों की बहस हुई थी. शुक्रवार को अदालत ने मुनमुन दत्ता उर्फ बबिता जी की याचिका को खारिज कर दिया.
गौरतलब है कि इससे पहले भी दलित अधिकार कार्यकर्ता रजत कल्सन ने पूर्व क्रिकेटर युवराज सिंह व फिल्म अभिनेत्री युविका चौधरी के खिलाफ भी दलित समाज के बारे में अपमानजनक भाषा इस्तेमाल करने के बारे में मुकदमा दर्ज कराया था, जिसके बाद उन्हें भी जमानत करानी पड़ी थी.
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