भारत में कोरोना का AY.4.2 वेरिएंट: ICMR के वैज्ञानिक का बयान आया सामने, जानें वायरस को लेकर क्या कहा?

Update: 2021-10-26 07:04 GMT

नई दिल्ली. कोरोना वायरस (Coronavirus) के नए वेरिएंट AY.4.2 ने चिंता बढ़ा दी है. हालांकि, इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) के वैज्ञानिक का कहना है कि घबराने की जरूरत नहीं है और यह वेरिएंट ज्यादा संक्रामक लग रहा है, लेकिन शायद घातक नहीं है. उन्होंने लोगों से कोविड से बचाव के लिए सावधानी रखने की अपील की. भारत में SARS-CoV2 के AY.4.2 के करीब 17 सैंपल की पहचान हो चुकी है.

न्यूज18 से बातचीत में ICMR के वैज्ञानिक सुमिरन पांडा ने कहा, 'नए डेल्टा वेरिएंट ज्यादा संक्रामक लग रहा है, लेकिन घातक नहीं. यह और भी ज्यादा संक्रामक हो सकता है, यह देखते हुए कि वायरस को खुद को जिंदा रखने के लिए ऐसा करता है, क्योंकि इसे और होस्ट (मानव शरीर) की जरूरत होती है. यह कहना मुश्किल है कि यह खतरनाक होगा.'
उन्होंने कहा, 'हमें पैनिक नहीं करना चाहिए, बल्कि सतर्कता बढ़ानी चाहिए और कोविड संबंधी व्यवहार बहुत जरूरी है.' पांडा ने कहा कि बेपरवाह होने के लिए यहां कोई जगह नहीं है. GISAID के अनुसार, AY.4.2 के आंध्र प्रदेश में 7, कर्नाटक में 2, तेलंगाना में 2, केरल में 4, जम्मू और कश्मीर और महाराष्ट्र में 1-1 सैंपल की पहचान हुई है.
अमेरिकी वैज्ञानिक ऐरिक टोपोल ने 24 अक्टूबर को ट्वीट किया था, 'डेल्टा प्लस के नाम से भी पहचाने जाने वाले डेल्टा वेरिएंट सब लाइनेज AY.4.2 ने यूके में हाल में मिले 10 फीसदी मामलों में अपने सीक्वेंस के साथ चिंता बढ़ा दी है.' पांडा ने सलाह दी, 'AY.4.2 को अभी भी वेरिएंट ऑफ कंसर्न नहीं वेरिएंट अंडर इन्वेस्टिगेशन या वेरिएंट ऑफ इंट्रेस्ट के तौर पर जाना जाता है. ऐसे में क्लस्टर आधारित स्टडीज आने वाले दिनों में इसकी विशेषताएं बताएंगी.'
पांडा के अनुसार, टीकाकरण और मास्क का एक साथ इस्तेमाल किया जाना जरूरी है. उन्होंने कहा, 'नया हो या पुराना वेरिएंट एक ही तरह से फैलता है. इसलिए मार्क पहनें और SARS-CoV-2 को हराएं.' उन्होंने कहा, 'मास्क संक्रमण से बचाएगा, वैक्सीन अस्पताल में भर्ती होने और मौत को कम करने की कोशिश करेंगी. हमें इन दो चीजों का पालन करना है. फिर फर्क नहीं पड़ा कि कौन सा म्यूटेशन या वेरिएंट है.'

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