माटुंगा रेलवे वर्कशॉप में लगी ऑटोमेटिक बोगी वॉश प्लांट, ये होंगे फायदे

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Update: 2022-02-23 12:31 GMT

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हमेशा आत्मनिर्भर भारत पर जोर देते रहे हैं. मेक इन इंडिया (Make In India) के अंतर्गत आत्मनिर्भर बनते हुए भारत में बीते 4 से 5 सालों में कई क्षेत्रों में काम किया है. रेलवे के क्षेत्र में भी आत्मनिर्भर भारत और मेक इन इंडिया के तहत कई सारी परियोजनाओं पर काम किया गया है. अब मध्य रेलवे (Central Railway) की तरफ से मुम्बई के माटुंगा स्थित रेलवे वर्कशॉप (Matunga Workshop) में "ऑटोमेटिक बोगी वॉश प्लांट" (Automatic Bogie Wash Plant) लगाया गया है. मध्य रेलवे के डिप्टी चीफ मैकेनिकल इंजीनियर कुलदीप रघुवंशी बताते हैं कि इस ऑटोमेटिक प्लांट की मदद से ट्रेन में लगी बोगी (व्हील) को ऑटोमेटिक तरीके से साफ किया जाएगा. जिससे अब मैन्युअली यानी इंसान की मदद से बोगी साफ करने से छुटकारा मिलेगा. दूसरा ऑटोमेटिक तरीके से साफ करने से फायदा ये होगा कि समय की काफी बचत होगी.


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आमतौर पर एक बोगी को मैन्युअली साफ करने के लिए डेढ़ घंटे से ज्यादा का समय लगता था. वही अब मशीन यानी ऑटोमेटिक बोगी वॉश प्लांट (Automatic Bogie Wash Plant) की मदद से इसे महज 30 से 40 मिनट में साफ किया जा सकेगा. साथ ही साथ सफाई में पानी की बचत होगी. सफाई के दौरान इस्तेमाल होने वाले 60 से 80 लीटर पानी के इस्तेमाल को कम किया जा सकेगा. इन सबके इतर मध्य रेलवे का मानना है कि इस प्लांट की मदद से आने वाले दिनों में रेलवे में सेफ्टी पहले से और ज्यादा मजबूत होगी.
•पूरी तरह से मेक इन इंडिया और आत्मनिर्भर भारत के अंतर्गत बना हुआ प्लांट है.
•'मेक इन इंडिया' पहल के तहत निर्मित हाल ही में स्थापित "ऑटोमैटिक बोगी वॉश प्लांट" भारतीय रेल पर अपनी तरह का पहला है. इस संयंत्र में सभी प्रकार के FIAT और ICF बोगियों को एक संलग्न कक्ष में दबावयुक्त एल्कलाइन सॉल्यूशन से असेंबल स्थिति में साफ किया जा सकता है.
•चेन्नई की प्राइवेट कंपनी अल्ट्रा मैक्स ने इस प्लांट को बनाया है. मध्य रेलवे की तरफ से कंपनी को कॉन्टेक्ट किया गया था.
•इस पूरे प्लांट की लागत कुल 4.3 करोड़ है. इस प्लांट को पूरा करने के लिए चेन्नई की अल्ट्रा मैक्स कंपनी ने 1 साल का वक्त लिया.
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