ऑटो चालक को मिला 4 करोड़ रुपए का टैक्स नोटिस...रोजाना कमाता है सिर्फ 200 रुपए
जानिए वजह
राजस्थान के बारमेर जिले में एक ऑटो रिक्शा ड्राइवर उस समय हैरान हो गया जब उसे टैक्स डिपार्टमेंट से 4.39 करोड़ रुपए का टैक्स डिमांड नोटिस मिला। वह यह जानकर तो और भी परेशान हो उठा कि उसके नाम पर एक कंपनी है जिसका टर्नओवर 32.62 करोड़ रुपए है। मामला समझ में आने के बाद ऑटो रिक्शा ड्राइवर पुलिस के पास पहुंचा और अपने डॉक्युमेंट्स के दुरुपयोग की शिकायत दी। हालांकि, पुलिस ने अभी तक केस दर्ज नहीं किया है। इस बीच जांच में पता चला कि दिल्ली की एक कंपनी ने शेल कंपनी बनाते समय ऑटो चालक के डॉक्युमेंट्स का दुरुपयोग किया। जीएसटी अधिकारियों ने दिल्ली में अथॉरिटीज के सामने मुद्दा उठाया है। बारमेर में बाखासर पुलिस स्टेशन के तहत पानोरिया ब्लॉक के निवासी गाजेदन चारन को हाल ही में 4.39 करोड़ रुपए का टैक्स नोटिस मिला। यह टैक्स डिमांड 32.63 करोड़ रुपए के लेनदेन के आधार पर की गई थी।
चारन ने कहा, ''मैं एक ऑटो चालक हूं और मुश्किल से 10-15 हजार रुपए हर महीने कमाता हूं। मैंने कभी कोई कंपनी नहीं बनाई और ना कोई लेनदेन किया। ऐसा लगता है कि किसी ने मेरे दस्तावेज चुराए और फर्जी कंपनी बनाई।'' उन्होंने कहा कि पुलिस को शिकायत दी है, लेकिन इसे नजरअंदाज कर दिया गया है। बाखासर पुलिस थाने के एसएचओ नीम्ब सिंह ने कहा कि चारन ने एक शिकायत दी है। इसके लिए जीएसटी डिपार्टमेंट से दस्तावेज मांगे गए हैं और जल्द ही जांच शुरू की जाएगी। इस बीच, 11 फरवरी को जोधपुर के जीएसटी एंटी-विजन टीम से नोटिस मिलने के बाद गाजेदन चारण 15 फरवरी को अपना बयान दर्ज करवाने के लिए पहुंचे। उन्होंने जीएसटी अधिकारियों को बताया कि उन्होंने कभी कोई कंपनी नहीं बनाई और ना ही कोई ट्रांजैक्शन किया। उन्होंने कहा कि किसी ने उनके डॉक्युमेंट्स चुरा लिए और एसएलवी इंटरनेशनल नाम की कंपनी उनके नाम पर बना ली। उनका इस कंपनी से कोई लेनादेना नहीं है।
इस बीच, जांच में पता चला है कि चारन ने एक प्राइवेट फाइनेंस कंपनी से एक लोन लिया था, जिसके लिए उन्हें अपने डॉक्युमेंट्स दिए थे। माना जा रहा है कि फर्जी कंपनी बनाने वाले ने इस फाइनेंस कंपनी के दफ्तर से उनके कागजात ले लिए। अब जोधपुर के जीएसटी अधिकारियों ने दिल्ली में अधिकारियों के सामने इस मुद्दे को रखा है। जीएसटी एंटी-विजन जोधपुर के डेप्युटी कमिश्नर भारत सिंह शेखावत ने कहा कि ऐसे कई केस हैं जिसमें आरोपियों ने फर्जी कंपनियां बनाईं। उन्होंने कहा कि चारन ने अपना बयान दर्ज कराया है और दावा किया है कि उनके डॉक्युमेंट्स चोरी किए गए हैं। उन्होंने कहा, ''यह सामने आया है कि दिहाड़ी मजदूरों के नाम पर फर्जी कंपनियां बनाई जा रही हैं। हमें जालोर, बारमेर और जैसलमेर में कुछ फर्जी कंपनियों के ऐसे केस मिले हैं। इन सभी मामलों की जांच की जा रही है और हम सरगना की तलाश कर रहे हैं।''