सावधान! डॉक्टर की रेबीज संक्रमण से मौत, लापरवाही पड़ गई भारी
पुलिस ने इसकी जानकारी दी है.
तिरुवनंतपुरम: केरल से एक होम्योपैथिक डॉक्टर की रेबीज संक्रमण से मौत का मामला सामने आया है. पुलिस ने इसकी जानकारी दी है. केरल के पलक्कड़ में एक 46 साल की महिला डॉक्टर की सोमवार को जिले के मन्नारकड़ में रेबीज संक्रमण से मौत हो गई.
पुलिस के अनुसार, महिला को लगभग दो महीने पहले कुमारमपुथुर स्थित अपने आवास पर अपने पालतू कुत्ते का पंजा लग गया था जिससे उसे चोट आ गई थी. हालांकि उन्होंने इसे मामूली चोट समझकर नजरअंदाज किया और मेडिकल हेल्प न लेने का फैसला किया.
रविवार को उनकी तबीयत ज्यादा खराब हो गई, जिसके बाद उन्हें बेचैनी और सांस लेने में दिक्कत के चलते नजदीकी अस्पतालों में इलाज के लिए जाना पड़ा. जांच करने पर उनमें रेबीज संक्रमण पाया गया जिसके बाद तुरंत उन्हें त्रिशूर के सरकारी मेडिकल कॉलेज अस्पताल रेफर कर दिया गया.
कथित तौर पर महिला अपने पति के साथ अस्पताल के अधिकारियों को सूचित किए बिना सोमवार को सुबह मेडिकल कॉलेज से चली गई. जानकारी के अनुसार, सोमवार सुबह करीब साढ़े आठ बजे उनका अपने घर पर निधन हो गया.
रेबीज एक बीमारी है जो रेबीज नामक विषाणु से होती है. यह मुख्य रूप से पशुओं की बीमारी है लेकिन संक्रमित पशुओं द्वारा मनुष्यों में भी हो जाती है. यह विषाणु संक्रमित पशुओं की लार में रहता है. जब कोई पशु मनुष्य को काट लेता है यह विषाणु मनुष्य के शरीर में प्रवेश कर जाता है.
यह भी बहुत मुमकिन होता है कि संक्रमित लार से किसी की आंख, मुंह या खुले घाव से संक्रमण होता है. इस बीमारी के लक्षण मनुष्यों में कई महीनों से लेकर कई वर्षों तक में दिखाई देते हैं. हालांकि, आमतौर पर ये लक्षण 1 से 3 महीनों में दिखाई देते हैं.
रेबीज से संक्रमित जानवर के काटने से रेबीज का संक्रमण फैलता है. ज्यादातर मामलों में मनुष्यों में यह बीमारी कुत्ते के काटने या खरोंचने से भी होती है (90 प्रतिशत से ज्यादा). रेबीज बीमारी कुत्तों, बंदरों और बिल्लियों के काटने पर इंसानों में फैलती है. आमतौर पर कुत्तों के काटने पर इंसानों में यह बीमारी फैलती है.