नई दिल्ली: अगर आपके पास अनजान नंबरों से फोन कॉल आते हैं, तो थोड़ी सावधानी बरतें. क्योंकि शातिर Unknown नंबरों से कॉल करने के बाद धोखाधड़ी की वारदात को अंजाम दे रहे हैं. दिल्ली में भी इसी तरह का एक मामला सामने आया है. दरअसल, एक युवक को मालिश करने का काम दिलाने का झांसा दिया गया था. युवक को शातिरों ने अपने जाल में फंसाया और 47,200 रुपये की चपत लगा दी.
पुलिस ने मुताबिक पीड़ित ने अपनी शिकायत में बताया कि उसे एक अनजान नंबर से व्हाट्सएप संदेश मिला, जिसमें उसे मालिश का काम करने की पेशकश की गई थी. जब उसने उस नंबर पर संपर्क किया तो उससे कहा गया कि पहले आपको रजिस्ट्रेशन कराना होगा. इसके लिए साढ़े तीन हजार रुपये खर्च करने पड़ेंगे. इतना ही नहीं, पीड़ित ने बताया कि उससे कहा गया कि मालिश करने की किट के लिए 12,600 रुपये, एंट्री कार्ड के लिए 15,500 रुपये और होटल के कमरे की बुकिंग के लिए 9,400 रुपये का पेमेंट करना होगा. शातिरों ने पीड़ित से वादा किया कि ये पूरी रकम उसे बाद में वापस कर दी जाएगी.
पीड़ित ने शातिरों द्वारा बताई गई रकम उनके अकाउंट में जमा करा दी. इसके बाद उन्होंने और रकम की पेशकश की. इसके लिए बातों का जाल बिछाया गया. लेकिन पीड़ित ने और रुपये देने से इनकार कर दिया. साथ ही कहा कि अभी तक जो भी पेमेंट किया है, उसे रिफंड किया जाए. इसके बाद पीड़ित ने पुलिस को अपनी शिकायत दी.
एजेंसी के मुताबिक एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि पीड़ित युवक ने 47,200 रुपये का भुगतान कर दिया था. लेकिन इसके एवज में उसे ना तो नौकरी मिली और ना ही उसकी रकम वापस हुई. उन्होंने बताया कि इस संबंध में उत्तर पश्चिमी जिले के साइबर थाने में 13 अगस्त को धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया गया था.
पुलिस ने कहा कि जिस खाते में पैसा जमा किया गया था, उसकी जांच की जा रही है और दोषियों का पता लगाने के लिए एक टीम बनाई गई है. इस वारदात को अंजाम देने वाले जल्द ही पुलिस की गिरफ्त में होंगे.
दिल्ली पुलिस ने हाल ही में साइबर जालसाजों के एक ऐसे अंतरराज्यीय गिरोह का भंडाफोड़ किया था, जो जिगोलो जैसी एस्कॉर्ट जॉब के नाम पर लोगों से ठगी कर रहे थे. पुलिस ने चार महिलाओं सहित छह लोगों को जिगोलो जैसी एस्कॉर्ट जॉब देने के बहाने लोगों को ठगने के आरोप में गिरफ्तार किया था. पुलिस ने आरोपियों से जुड़े नौ मोबाइल फोन, नौ सिम कार्ड और नौ डेबिट कार्ड भी बरामद किए थे. जांच में खुलासा हुआ था कि आरोपी ने फर्जी मोबाइल नंबर का इस्तेमाल कर जिगोलो क्लब और प्लेबॉय क्लब के नाम पर नौकरी दिलाने के लिए दो वेबसाइट बनाई थी. वे पिछले एक साल से अंतरराज्यीय रैकेट चला रहे थे और 200 से ज्यादा लोगों से लाखों की ठगी कर चुके थे.