भारतीय विज्ञान संस्थान पर हमला: सुप्रीम कोर्ट ने दोषियों की याचिका पर उम्रकैद की सजा बरकरार रखी

Update: 2022-07-13 01:53 GMT

बेंगलुरु। बेंगलुरु के भारतीय विज्ञान संस्थान पर साल 2005 में आतंकी हमला हुआ था. संस्थान के एक ऑडिटोरियम में चल रहे अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन के बाद बाहर निकल रहे लोगों पर आतंकियों ने गोलीबारी की थी जिसमें एक प्रोफेसर की मौत हो गई थी और कई अन्य लोग घायल हो गए थे. इस मामले में कर्नाटक की कोर्ट ने दोषियों को सात साल की सजा सुनाई थी जिसे कर्नाटक हाईकोर्ट ने उम्रकैद में बदल दिया था.

कर्नाटक हाईकोर्ट के सजा बढ़ाने के फैसले को चार दोषियों ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी. सुप्रीम कोर्ट ने दोषियों की याचिका पर करीब छह साल तक चली सुनवाई के बाद अपना फैसला सुना दिया है. कर्नाटक हाईकोर्ट ने चार आरोपियों की उम्रकैद की सजा को बरकरार रखा है. सुप्रीम कोर्ट की जस्टिस यूयू ललित, हेमंत गुप्ता और एस रवींद्र भट की बेंच ने उम्रकैद की सजा बरकरार रखने का फैसला सुनाया. सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में ये भी कहा कि सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने और आम जनता की सुरक्षा को खतरा पहुंचाने वालों से सख्ती से निपटा जाना चाहिए. जस्टिस यूयू ललित, हेमंत गुप्ता और एस रवींद्र भट की बेंच ने अपने फैसले में ये भी कहा कि भले ही साजिश के तहत वास्तव में कोई अप्रिय घटना नहीं हुई, फिर भी ये मामला धारा 121 ए से संबंधित है.

सुप्रीम कोर्ट ने ये कहा कि दोषियों के पास से डेटोनेटर, जिलेटिन की छड़ें, हथगोले बरामद किए गए थे जो उनके खिलाफ मामले को साबित करने के लिए पर्याप्त हैं. गौरतलब है कि इस मामले के पांच दोषियों में से चार ने साल 2016 में कर्नाटक हाईकोर्ट के सजा बढ़ाने के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी.


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