अतीक-अशरफ की हत्या का मामला, 21 पुलिसकर्मियों को भेजा गया नोटिस
बड़ा अपडेट.
नई दिल्ली: अतीक- अशरफ हत्याकांड का एक महीना पूरा हो चुका है। न्यायिक आयोग ने हत्याकांड के समय अतीक और अशरफ के साथ सुरक्षा में लगे 21 पुलिसकर्मियों को लिखित बयान दर्ज कराने के लिए नोटिस जारी की है। पुलिसकर्मियों को अतीक और अशरफ की हत्या के समय उनकी मौजूदगी से लेकर घटना से जुड़े सभी पहलुओं का जवाब देना होगा।
अतीक-अशरफ को तीन हमलावरों ने उस वक्त गोली मारी थी, जब पुलिस दोनों भाइयों को मेडिकल जांच के लिए ले जा रही थी। उसी वक्त तीन हमलावर फर्जी मीडियाकर्मी बनकर आए और उन्होंने अतीक-अशरफ पर एक बाद एक कई गोलियां मारी। दोनों भाइयों की मौके पर ही मौत हो गई।हालांकि पुलिस ने तीनों हमलावरों को मौके पर ही गिरफ्तार कर लिया था। गोली चलाने के बाद हमलावरों ने सरेंडर कर दिया था। अतीक और अशरफ को गोली मारने वाले तीनों आरोपियों के नाम लवलेश तिवारी, सुन्नी और अरुण मौर्य हैं।
योगी आदित्यनाथ सरकार ने मामले की जांच के लिए इलाहाबाद उच्च न्यायालय के पूर्व मुख्य न्यायाधीश दिलीप बाबा साहेब भोसले के नेतृत्व में पांच सदस्यीय आयोग का गठन किया है. इसमें झारखंड हाई कोर्ट के पूर्व मुख्य न्यायाधीश वीरेन्द्र सिंह, इलाहाबाद हाई कोर्ट के पूर्व न्यायमूर्ति अरविंद कुमार त्रिपाठी (द्वितीय), पूर्व पुलिस महानिदेशक सुबेश कुमार सिंह व पूर्व न्यायाधीश बृजेश कुमार सोनी शामिल हैं.