इस शूटर के साथ था अतीक अहमद का कनेक्शन, जानिए क्या है पूरा मामला
अतीक हत्याकांड में होंगे कई खुलासे
प्रयागराज। तिहाड़ में मंगलवार को हुई गैंगवार में गैंगस्टर टिल्लू ताजपुरिया की हत्या कर दी गई. बताया जा रहा है कि जितेंद्र गोगी गैंग के चार सदस्यों ने टिल्लू पर लोहे की रॉड से हमला कर उसकी जान ले ली गई. टिल्लू और गोगी गैंग की राइवलरी का अब अतीक-अशरफ की हत्या से भी कनेक्शन सामने आया है. बताया जा रहा है कि जितेंद्र गोगी गैंग ने ही ऑटोमेटिक पिस्टल अतीक के शूटर्स को दिए थे. इनका इस्तेमाल टिल्लू ताजपुरिया को मारने में होना था, लेकिन शूटर्स ने अतीक और अशरफ को मारने में इसका इस्तेमाल किया.
15 अप्रैल को हुई थी अतीक और अशरफ की हत्या
माफिया अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की 15 अप्रैल की रात करीब 10.30 बजे प्रयागराज में गोलियों से भूनकर हत्या कर दी गई. पुलिस घेरे में इस दोहरे हत्याकांड को अरुण मौर्या, सनी और लवलेश तिवारी ने अंजाम दिया. तीनों पत्रकार बनकर पुलिस के काफिले के नजदीक पहुंचे और जैसे ही अतीक और उसके भाई अशरफ ने मीडिया से बात करना शुरू की, तीनों ने ताबड़तोड़ फायरिंग कर दी. इस दौरान करीब 18 राउंड गोलियां चलीं, जिनमें से 8 गोली अतीक अहमद को लगीं. दोनों की मौके पर ही मौत हो गई.
अतीक-अशरफ पर हमला करने वाले तीनों हमलावरों में से दो ने तुर्की में बनी 9 एमएम जिगाना पिस्टल का इस्तेमाल किया था. ये पिस्टल ना सिर्फ भारत में प्रतिबंधित है, बल्कि एक जिगाना पिस्टल की कीमत 6 से 7 लाख रुपये है. पुलिस को पूछताछ में शूटर सनी ने खुलासा किया था कि वह जितेंद्र गोगी गिरोह के संपर्क में था, वहीं से उसे जिगाना पिस्टल मिली थी, जिससे अतीक अहमद की हत्या को अंजाम दिया. जितेंद्र गोगी की गिनती दिल्ली के मोस्ट वॉन्टेड गैंगस्टर्स में होती थी, जिसकी 2021 में दिल्ली की रोहिणी कोर्ट में हत्या कर दी गई थी. हालांकि, शुरुआत में कहा जा रहा था कि सनी को ये पिस्टल गैंगस्टर सुरेंद्र भाटी से मिली.
टिल्लू ताजपुरिया तिहाड़ जेल से कुख्यात बदमाश नवीन बाली, कौशल और गैंगस्टर नीरज बवानिया के साथ मिलकर गैंग ऑपरेट करता था. उसका नाम रोहिणी कोर्ट शूटआउट में आया था. सितंबर 2021 में रोहिणी कोर्ट में वकील की ड्रेस पहनकर आए दो हमलावरों ने जज के सामने गैंगस्टर जितेंद्र गोगी पर गोलियां बरसा दी थीं. गोगी की मौके पर ही मौत हो गई थी.
टिल्लू ताजपुरिया पहले दिल्ली की मंडोली जेल में बंद था, लेकिन जितेंद्र गोगी की हत्या के बाद उसे तिहाड़ जेल में शिफ्ट किया गया था. वह जेल से ही अपनी जरायम की दुनिया का कामकाज संभालता था. उसके नाम के पीछे ताजपुरिया को लेकर बताया जाता है कि वह ताजपुरिया गांव का ही रहने वाला है, इसलिए उसने अपना नाम टिल्लू ताजपुरिया कर लिया.गैंगस्टर नीरज बवानिया के जेल जाने के बाद टिल्लू और गोगी गैंग के बीच वर्चस्व की लड़ाई काफी बढ़ गई थी. जिसकी वजह से दोनों गैंग के बीच मुठभेड़ हुई और दोनों गैंग के सदस्यों की जान गई.
गैंगस्टर जितेंद्र गोगी को अप्रैल 2021 में दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने महाराष्ट्र संगठित अपराध नियंत्रण अधिनियम (मकोका) के तहत अरेस्ट किया था. वह जेल से अपना गैंग चला रहा था. उस पर हत्या और हत्या के प्रयास के 19 मामलों के अलावा जबरन वसूली, डकैती आदि के दर्जनों मामले दर्ज थे. जितेंद्र गोगी ने स्कूल छोड़ने के बाद प्रॉपर्टी बिजनेस शुरू किया था. इसी बीच साल 2010 में उसके पिता की मौत हो गई, जिसके बाद वह क्राइम की दुनिया में शामिल हो गया. गोगी कई मामलों में गिरफ्तार किया गया.