महिला सांसद के साथ मारपीट मामला: सुप्रीम कोर्ट की सख्त टिप्पणी, कहा- ऐसे गुंडे को CM आवास में कौन रखता है?
चार्जशीट दाखिल.
नई दिल्ली: स्वाति मालीवाल पिटाई कांड में बिभव कुमार की जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कई बड़ी टिप्पणी की है। देश की सबसे बड़ी अदालत ने यहां तक कहा कि सीएम आवास क्या गुंडों को रखने के लिए हैं। सुप्रीम कोर्ट ने कहा, 'उन्होंने (बिभव कुमार) गुंडे की तरह काम किया और मुख्यमंत्री के आधिकारिक आवास में घुसा। उसने तब भी महिला पर हमला किया जब उसने अपनी शारीरिक स्थिति बता दी थी।' कोर्ट ने पूछा कि एक महिला पर इस तरह हमला करते हुए उन्हें शर्म नहीं आई?
जस्टिस दीपांकर दत्ता, जस्टिस सूर्य कांत और जस्टिस उज्जल भुइंया की बेंच ने गुरुवार को बिभव कुमार की जमानत याचिका पर सुनवाई की। बिभव कुमार की ओर से पेश हुए वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने अपने मुवक्किल के लिए राहत की मांग करते हुए कहा कि शिकायत तीन दिन बाद दर्ज की गई। उन्होंने यह भी कहा कि मालीवाल के आरोप मनगढंत और झूठे हैं। कोर्ट ने कड़ी फटकार लगाते हुए कई तीखी टिप्पणियां की। अदालत ने दिल्ली पुलिस से जवाब मांगा है।
सिंघवी ने कहा, 'पहले दिन वह पुलिस के पास गईं लेकिन कोई शिकायत नहीं दी। फिर तीन दिन बाद ऐसा किया।' इस पर जस्टिस सूर्यकांत ने कहा, ' इस पर क्या कहें कि उन्होंने 112 पर कॉल किया? यह आपके दावे को झुठलाता है कि उन्होंने मनगढ़ंत कहानी रची।' कोर्ट ने कहा, 'क्या सीएम का आधिकारिक आवास निजी घर है? क्या इस तरह के नियमों की आवश्यकता है? हम हैरान हैं, यह छोटे या बड़े जख्म की बात नहीं है। हाई कोर्ट ने सही तरीके से सभी चीजों को रखा है।'
सिंघवी ने बिभव को जमानत दिए जाने की मांग करते हुए कहा कि यह हत्या का मामला नहीं है। इस पर एक बार फिर जस्टिस सूर्य कांत ने फटकार लगाई। उन्होंने कहा, 'आप सही कह रहे हैं हम हत्यारों को भी जमानत देते हैं। लेकिन यहां एफआईआर को देखिए। वह शारीरिक हालत पर रो रही थी। क्या आपको ऐसा करने का अधिकार है? यदि इस तरह का व्यक्ति गवाहों को प्रभावित नहीं कर सकता तो कौन करेगा? क्या आप मानते हैं कि ड्रॉइंग रूम में मौजूद कोई उसके खिलाफ बयान देगा। क्या उसे ऐसा करते हुए शर्म नहीं आई।