गुवाहाटी: असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने गुरुवार को कहा कि आने वाले दिनों में राज्य की शासन प्रणाली में व्यापक स्तर पर फेरबदल किया जाएगा। जो सरकारी कर्मचारी लोगों के आवेदन को मंजूर करने में देरी करते हैं, उन पर जुर्माना लगाया जाएगा।
उन्होंने पत्रकारों से बातचीत के दौरान कहा, "असम पहला राज्य है, जिसने सरकारी अधिकारियों और कर्मचारियों की जवाबदेही तय करने का काम किया है। उन्होंने एक बॉडी गठित की है, जिनका काम ही उन अधिकारियों पर शिकंजा कसना है, जो लोगों के आवेदन को स्वीकृत करने में देरी कर रहे हैं। कई लोगों ने इसके खिलाफ शिकायत भी दर्ज कराई है। अब हमारे अधिकारी सभी शिकायतों को संज्ञान में लेने क बाद उन सभी को चिन्हित कर उनके खिलाफ कार्रवाई करेंगे, जो लोगों के आवेदन को मंजूरी देने में विलंब कर रहे हैं।"
सीएम हिमंता ने कहा, "सबसे पहले कोई भी अधिकारी जिला स्तर पर उस सरकारी अधिकारी के खिलाफ शिकायत दर्ज करा सकता है, जो उसके आवेदन को स्वीकृत करने में आनाकानी कर रहा है। अगर शिकायत का निस्तारण नहीं किया जाता है, तो संबंधित व्यक्ति दूसरी शिकायत भी दर्ज करा सकता है, जिसे बाद में राज्य सरकार द्वारा गठित आयोग द्वारा सुलझाया जाता है।"
मुख्यमंत्री के अनुसार, जांच संपन्न होने के बाद अगर कोई अधिकारी दोषी पाया जाता है, तो उसके खिलाफ विधिक कार्रवाई की जाएगी। यही नही, उसे अपने वेतन से जुर्माना भरना होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि इससे राज्य सरकार की कार्यशैली में बड़ा जबरदस्त परिवर्तन देखने को मिलेगा। उन्होंने आगे कहा, "इस काम के लिए गठित किए गए ब़ॉडी के लिए हमने पहले से ही चेयरमैन नियुक्त कर लिया है। लोकसभा चुनाव संपन्न होने के बाद लोग इस बदलाव को समझ सकेंगे।"