असम| असम सरकार ने धुबरी जिले के गौरीपुर शहर में स्थित 'हवा महल' का अधिग्रहण कर लिया है, जिसे गौरीपुर शाही परिवार के प्रभात चंद्र बरुआ ने बनवाया था। गोलपरिया लोक संगीत की प्रख्यात दिवंगत प्रतिमा पाण्डेय बरुआ के आवास 'हवा महल' को बरुआ के परिवार के सदस्यों द्वारा राज्य सरकार को इसके जीर्णोद्धार और संग्रहालय में बदलने के लिए सौंप दिया गया है।
गदाधर नदी के तट पर स्थित हवा महल का निर्माण 1914 में पूरा हुआ था, उस समय 3.2 लाख रुपये की लागत आई थी। असम सरकार ने प्रतिमा पांडे बरुआ के परिवार के सदस्यों को उनकी पैतृक संपत्ति के स्वामित्व से अलग होने के लिए 15.20 करोड़ रुपये की राशि का भुगतान किया। इससे संबंधित एक समारोह में शामिल होने के दौरान मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरना ने कहा कि हवामहल को एक विरासत स्मारक में परिवर्तित करना प्रतिमा पांडेय बरुआ को उचित श्रद्धांजलि होगी।
सरमा ने जोर देकर कहा कि हवा महल और इससे जुड़ी वस्तुओं को संरक्षित करने के लिए वैज्ञानिक दृष्टिकोण की कमी के कारण यह धीरे-धीरे क्षय और विनाश का कारण बन रहा है, सरमा ने आश्वासन दिया कि राज्य सरकार अब से इसकी उचित देखभाल और ध्यान देगी। सरमा ने प्रतिमा पांडे बरुआ के परिवार के सदस्यों की उदारता के लिए उनका आभार भी व्यक्त किया, क्योंकि पैतृक संपत्ति से अलग होना किसी के लिए भी आसान निर्णय नहीं होता है।
हवा महल का जिक्र करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि असम सरकार यह सुनिश्चित करेगी कि परिसर का विकास करते समय गौरीपुर के लोगों की भावनाओं का ख्याल रखा जाए। उन्होंने कहा, "हमारा लक्ष्य इस साल दिसंबर तक नवीनीकरण और जीर्णोद्धार का काम पूरा करना है और 1 जनवरी, 2024 से हवा महल जनता के लिए खोलना है।"