लोग प्रभावित: असम में बाढ़ से बुरा हाल, भारतीय वायुसेना ने इतने लोगों को बचाया
दिसपुर: असम में भारी बारिश के चलते हुई तबाही का दौर जारी है। इसी बीच कछार इलाके में घंटों तक अटकी एक ट्रेन में फंसे सैकड़ों यात्रियों को वायुसेना ने बचाया है। राज्य में अचानक आई बाढ़ और भूस्खलन ने भयंकर तबाही मचाई है, जिसके चलते कई जगहों पर सड़क और रेल संपर्क टूट गया है। रविवार को एएसडीएमए ने अगले 12-72 घंटों के लिए कछार, करीमगंज, धेमाजी, मोरीगांव और नगांव जिलों के लिए बाढ़ का अलर्ट जारी किया है।
भारी बारिश और बाढ़ के चलते सिलचर-गुवाहाटी एक्सप्रेस ट्रेन कछार इलाके में अटक गई थी। हालात इस कदर बिगड़ गए थे कि रेल आगे या पीछे कहीं भी नहीं जा पा रही थी। घंटों तक फंसे रहने के बाद जिला प्रशासन ने भारतीय वायुसेना की मदद से 119 लोगों को बचाया है।
असम के दीमा हसाओ जिले में भूस्खलन में कम से कम तीन लोगों की मौत हो गई। एक आधिकारिक बुलेटिन में यह जानकारी दी गई। असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एएसडीएमए) द्वारा शनिवार रात जारी बुलेटिन के अनुसार, दीमा हसाओ के हाफलोंग राजस्व क्षेत्र में एक महिला सहित तीन लोगों की जान चली गई। राज्य के अन्य हिस्सों से रेल और सड़क संपर्क टूट जाने के कारण कई स्थानों पर अचानक आई बाढ़ और भूस्खलन से पहाड़ी जिला प्रभावित हो गया है।
एएसडीएमए ने कहा कि न्यू कुंजंग, फियांगपुई, मौलहोई, नामजुरंग, दक्षिण बगेतार, महादेव टीला, कालीबाड़ी, उत्तरी बगेतार, सिय्योन और लोदी पंगमौल गांवों से भूस्खलन की सूचना मिली है। यहां करीब 80 घर बुरी तरह प्रभावित हुए हैं।
बयान में कहा गया है 'जटिंगा-हरंगाजाओ और माहूर-फाइडिंग में रेलवे मार्ग भूस्खलन के कारण अवरुद्ध हो गया था। गेरेमलाम्ब्रा गांव में माईबांग सुरंग तक पहुंचने से पहले भूस्खलन के कारण सड़क मार्ग अवरुद्ध होने की आशंका है।'
एएसडीएमए ने आगे कहा कि असम के पांच जिलों में बाढ़ से लगभग 25,000 लोग प्रभावित हैं। सबसे बुरी तरह कछार क्षेत्र प्रभावित है, जिसमें 21,000 से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं। इसके बाद कार्बी आंगलोंग पश्चिम में लगभग 2,000 पीड़ित हैं और धेमाजी में 600 से अधिक लोग बाढ़ से प्रभावित हैं। दो जिलों में स्थापित कुल दस राहत शिविरों और वितरण केंद्रों में कम से कम 227 लोग शरण ले रहे हैं।
कछार और होजई जिलों से सेना, अर्द्धसैनिक बलों, अग्निशमन और आपातकालीन सेवाओं, राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ), नागरिक प्रशासन और प्रशिक्षित स्वयंसेवकों द्वारा लगभग 2,200 लोगों को बचाया गया। गुवाहाटी के विभिन्न हिस्सों से जलभराव की घटनाएं सामने आई हैं।
साभार: लाइव हिंदुस्तान