गुवाहाटी (आईएएनएस)| प्रदेश कांग्रेस प्रमुख भूपेन बोरा के 'ट्रबल इंजन' बताकर असम सरकार पर किए गए व्यंग्य पर भाजपा ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की। राज्य के भाजपा नेताओं ने कहा कि असम में पिछली कांग्रेस सरकारों के विपरीत हिमंत बिस्वा सरमा के नेतृत्व वाली मौजूदा सरकार को राज्य सरकार के कर्मचारियों के वेतन का भुगतान करने के लिए केंद्र के कोष पर निर्भर नहीं रहना पड़ता है।
असम भाजपा के नेता देबजीत महंत ने कहा, भारत की आजादी के बाद से असम में कई वर्षों तक कांग्रेस का शासन रहा। लेकिन भाजपा के यहां सत्ता में आने के बाद से राज्य सरकार अब अपने 4.5 लाख कर्मचारियों को वेतन देने के लिए केंद्र के पैसे पर निर्भर नहीं है।
उन्होंने कहा, शायद बोरा ने यह टिप्पणी इसलिए की क्योंकि उन्हें राज्य में हाल की घटनाओं की जानकारी नहीं थी। उन्होंने आरोप लगाया कि जब असम में कांग्रेस की सरकार थी तो नियुक्ति पत्र मिलते ही भर्ती किए गए युवाओं को रिश्वत देनी पड़ती थी, लेकिन अब जब भाजपा सत्ता में है तो युवाओं को योग्यता के आधार पर नौकरी मिली है।
राज्य सरकार ने हाल ही में लगभग 45,000 युवाओं को नियुक्ति पत्र वितरित किए हैं, जो विभिन्न विभागों में सेवा के लिए चयनित हुए हैं। बोरा ने पहले कहा था कि नौकरी पाने के लिए लोगों को रिश्वत देनी पड़ती है; हालांकि भाजपा के डर से अब कोई सच नहीं बोल रहा है। महंत ने कहा, मैं असम कांग्रेस अध्यक्ष से अनुरोध करता हूं कि वह एक भी ऐसा उम्मीदवार दिखाएं, जिसे रिश्वत देकर नौकरी मिली हो।
उन्होंने बोरा को भविष्य में कोई भी तर्कहीन दावा नहीं करने की चेतावनी भी दी। भाजपा नेता ने दावा किया कि नए नियुक्त कर्मचारियों के अलावा कई कांग्रेस से जुड़े कर्मचारियों को भर्ती परीक्षाओं के हालिया दौर में नियुक्ति पत्र भी मिला है। इससे पहले, भूपेन बोरा ने असम में भाजपा के नेतृत्व वाले प्रशासन पर कठोर हमला करते हुए कहा था कि यह डबल इंजन की बजाय ट्रबल इंजन सरकार है।
बोरा ने नौकरियां देने के भाजपा के दावों के बारे में कहा कि असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने झूठे वादे किए थे और उन पर अमल नहीं किया। उन्होंने सरकार के लाखों नौकरियां देने के दावे और रोजगार की संभावनाओं में कमी की विसंगति को रेखांकित किया।
असम कांग्रेस अध्यक्ष ने सरकार के वित्तीय प्रबंधन की आलोचना करते हुए कहा कि वर्तमान प्रशासन ने राज्य के ऋण भार को बहुत बढ़ा दिया है। उन्होंने ऋण में उल्लेखनीय वृद्धि का जिक्र करते हुए कहा कि 2012-2013 में राज्य सरकार पर 2,757 करोड़ रुपये का कर्ज था जो से बढ़कर 2021-2022 में आश्चर्यजनक रूप से 17,149 करोड़ रुपये हो गया। साथ ही अतिरिक्त 25,000 करोड़ रुपये उधार लेने की योजना है।
बोरा ने अगले साल 50,000 करोड़ रुपये उधार लेने के संभावित इरादे पर चिंता व्यक्त की और भाजपा सरकार पर ऋण प्राप्त करने के लिए जीडीपी को बढ़ा-चढ़ाकर दिखाने का आरोप लगाया।