वाराणसी: उत्तर प्रदेश के वाराणसी के ज्ञानवापी परिसर में सुप्रीमकोर्ट के आदेश के बाद भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) की टीम सर्वे कर रही है। ज्ञानवापी के बाहर सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं। एक टीम अब भी पश्चिमी दीवार के भीतरी हिस्से में ऊपर और नीचे के तहखाने की जांच कर रही है।
अधिकारियों के अनुसार, एएसआई की टीम दर्जनों आधुनिक मशीनों का भी प्रयोग कर रही है। जानकारों का दावा है कि नींव के स्ट्रक्चर और निर्माण का कालखंड सर्वे रिपोर्ट में अहम भूमिका निभा सकता है। जानकारों ने बताया कि बुधवार को भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) की टीम ने तहखानों की दीवारों और सतह की थ्रीडी मैपिंग की। इसके साथ ही पश्चिमी दीवार और तहखानों के पास पड़े मलबे को भी रिकाॅर्ड में दर्ज किया। करीब सात घंटे तक चले सर्वे के दौरान परिसर के हर हिस्से की फोटो और वीडियोग्राफी कराई गई। सतह से लेकर निर्माण तक के आकलन को ट्रोपोग्राफी शीट पर उतारा गया। अलग-अलग हिस्सों में एएसआई की टीम ने अपनी मशीनों से रिकाॅर्ड का आकलन किया। एएसआई की टीम सुबह करीब आठ बजे ज्ञानवापी परिसर में दाखिल हुई और इसके बाद सर्वे की कार्यवाही शुरू की। टीम ने तहखानों के निर्माण शैली, अंदर की बनावट आदि को देखा। इसके साथ ही परिसर की फोटो व वीडियोग्राफी कराई।
परिसर के अलग अलग हिस्सों में लिडार (लाइट डिटेक्शन एंड रेंजिंग) मशीन से संरचनाओं का नक्शा तैयार किया। पोर्टेबल एक्सरे प्रतिदीप्ति स्पेक्ट्रोस्कोपी मशीन से भी सतह की जांच की गई। उधर, एएसआई की एक टीम अब भी पश्चिमी दीवार के भीतरी हिस्से में ऊपर और नीचे के तहखाने का अध्ययन कर रही है। इस बीच, आईआईटी कानपुर की ग्राउंड पेनेट्रेटिंग रडार की विशेषज्ञ टीम के सदस्य वाराणसी पहुंच गए हैं। इसमें 8 सदस्य बताए जा रहे हैं। इसी बीच मस्जिद कमेटी ने मंगलवार को जिला अदालत में याचिका लगाकर मीडिया में आ रही साक्ष्यों से संबंधित खबरों पर रोक लगाने की मांग की। इस पर अदालत ने मीडिया को परिसर से दूर रखने की हिदायत दी है। प्रशासन का सोशल मीडिया पर नजर रखने के लिए भी निर्देश दिया। कोर्ट ने आदेश रिजर्व कर लिया है।