अशोक गहलोत को झटका? अध्यक्ष की उम्मीदवारी गई, सीएम पद पर भी सस्पेंस...एक दो दिन में सोनिया गांधी लेंगी फैसला

कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल ने कहा कि राजस्थान सीएम पर दो दिन में फैसला लिया जाएगा। सोनिया गांधी इस पर फैसला लेंगी।

Update: 2022-09-29 12:13 GMT

न्यूज़ क्रेडिट: आजतक

नई दिल्ली: राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने दस जनपथ में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मिलने के बाद जयपुर में रविवार को हुई घटना के लिए खेद जताया. गहलोत ने साफ कर दिया है कि वो कांग्रेस अध्यक्ष पद का चुनाव नहीं लड़ेंगे. इसके साथ ही गहलोत ने राजस्थान के मुख्यमंत्री पद पर बने रहेंगे कि नहीं का फैसला सोनिया गांधी के पाले में डाल दिया है. इस तरह से अभी भी सीएम पर सस्पेंस बरकरार है?

गहलोत ने राजस्थान में जारी सियासी घटनाक्रम पर सोनिया गांधी से मिलकर खेद जताया. गहलोत ने कहा कि कांग्रेस का वफादार सिपाही हूं. जयपुर में विधायक दल के बैठक के दिन की घटना ने मुझे हिलाकर रख दिया. पूरे देश में मैसेज चला गया कि मैं सीएम बना रहना चाहता हूं. मैंने इसके लिए सोनिया गांधी से माफी मांगी है. मैं कांग्रेस का वफादार हूं. उन्होंने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष के साथ बैठकर हमने बात की है.


सीएम गहलोत ने कहा कि हमारे यहां हमेशा से एक कायदा रहा कि हम आलाकमान के लिए एक लाइन का प्रस्ताव पास करते हैं. मुख्यमंत्री होने के बावजूद मैं यह एक लाइन का प्रस्ताव पास नहीं करवा पाया, इस बात का हमेंश दुख रहेगा. इस घटना ने देश के अंदर कई तरह के मैसेज दे दिए. साथ ही उन्होंने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष पद का चुनाव वो अब नहीं लड़ेंगे और मुख्यमंत्री पद पर रहेंगे कि नहीं, इसका फैसला सोनिया गांधी करेंगी.
अशोक गहलोत के बाद सचिन पायलट कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात करेंगे. इसके बाद ही राजस्थान में मुख्यमंत्री पद का फैसला साफ हो पाएगा कि अशोक गहलोत अपनी कुर्सी पर बनेंगे रहेंगे या फिर इस्तीफा देंगे. माना जा रहा है कि कांग्रेस हाईकमान गहलोत के उत्तराधिकारी के तौर पर सचिन पायलट को मुख्यमंत्री बनाने का भरोसा दिया था. इसी मद्देनजर रविवार को मलिकार्जुन खड़गे और अजय माकन को पर्यवेक्षक बनाकर जयपुर भेजा था, लेकिन गहलोत खेमे के विधायकों के बागी रुख अपनाने से विधायक दल की बैठक नहीं हो सकी.



गहलोत खेमे के विधायक सचिन पायलट को मुख्यमंत्री बनाने के पक्ष में नहीं है. शांति कुमार धारिवाल से लेकर महेश जोशी औैर प्रताप सिंह खाचरियावास तक साफ कह चुके हैं कि कांग्रेस के उन 102 विधायकों में से किसी को भी मुख्यमंत्री बना दें, जो 2020 में पार्टी के साथ खड़े रहे हैं. इसके अलावा सचिन पायलट को मुख्यमंत्री बनाया जाता है तो स्वीकार नहीं करेंगे.
गहलोत पर सस्पेंस खत्म हो गया है. वह कांग्रेस अध्यक्ष पद का चुनाव नहीं लड़ेंगे. अब कांग्रेस अध्यक्ष पद चुनाव में शशि थरूर और दिग्विजय सिंह का नाम बचा है. दोनों 30 सितंबर को नामांकन कर सकते हैं. एक तरफ दिग्विजय सिंह को गांधी परिवार का सपोर्ट माना जा रहा है. दूसरी तरफ शशि थरूर ने चुनाव लड़ने की इच्छा पहले ही जता दी थी. इसके बारे में जब उन्होंने सोनिया गांधी को बताया था तो सोनिया ने कहा था कि यह फैसला उनका अपना है, कोई भी अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ सकता है.
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