नई दिल्ली: कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद के लिए 17 अक्टूबर को चुनाव होना है. राहुल गांधी अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ने से इनकार कर चुके हैं. राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत साफ कर चुके हैं कि अगर राहुल गांधी इस चुनाव में नहीं उतरते तो वे नामांकन करेंगे. ऐसे में जब उनसे सवाल किया गया है कि क्या वे 'एक व्यक्ति, एक पद' के नियम को देखते हुए कांग्रेस का अध्यक्ष बनने के बाद मुख्यमंत्री पद छोड़ देंगे, इस पर अशोक गहलोत ने कहा कि यह ओपन चुनाव है, इसे कोई भी लड़ सकता है. ये नियम नॉमिनेटेड पदों के लिए है.
अशोक गहलोत ने कहा कि जब हाईकमान नॉमिनेट करती है, तब दो पद की बात आती है. यह चुनाव है. यह ओपन चुनाव है. इसमें कोई भी खड़ा हो सकता है. इसमें कोई भी विधायक, सांसद, मंत्री चुनाव लड़ सकता है. अगर कोई राज्य का मंत्री कहता है कि वह चुनाव लड़ना चाहता है, तो वह लड़ सकता है. वह मंत्री भी रह सकता है.
मुख्यमंत्री बने रहने के सवाल पर उन्होंने कहा कि रहना या रहने की बात नहीं है. ये समय बताएगा कि मैं कहा रहता हूं. लेकिन मैं वहां रहना पसंद करूंगा, जहां मेरे रहने से पार्टी को फायदा होगा. मैं इससे पीछे नहीं हटूंगा. अशोक गहलोत ने कहा कि आज देश की जो स्थिति है उसके लिए कांग्रेस का मजबूत होना बहुत जरूरी है.
उन्होंने कहा, कांग्रेस की मजबूती के लिए जहां मेरी आवश्यकता होगी, मैं पीछे नहीं हटूंगा. उन्होंने कहा, मैंने प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अंदर 4-5 दिन पहले प्रस्ताव रखा था कि राहुल गांधी जी को अध्यक्ष पद स्वीकार करना चाहिए. अगर वे पार्टी अध्यक्ष के रूप में दौरा करेंगे तो पार्टी की एक अलग छवि बनेगी. मैं उन्हें मनाने का एक बार और प्रयास करूंगा.
कांग्रेस नेता सचिन पायलट ने कहा कि ज्यादातर राज्यों में कांग्रेस ने कहा है कि राहुल गांधी को अध्यक्ष बनना चाहिए. वे चुनाव लड़ेंगे या नहीं, ये उनका फैसला है. लेकिन एक चीज तय है कि पार्टी को 17 अक्टूबर को नया अध्यक्ष मिल जाएगा. उन्होंने कहा कि कांग्रेस में संगठन में चुनाव कराने की हिम्मत है. अशोक गहलोत काफी सीनियर नेता हैं, वे कई दशकों से काम कर रहे हैं. हमारा उद्देश्य राजस्थान में जीतना है. अगले मुख्यमंत्री बनने के सवाल पर उन्होंने कहा कि पार्टी जो भी भूमिका तय करेगी, वे निभाएंगे.