चार्ज लेते ही एसपी ने सुलझाया मर्डर केस, भाई ने ही सुपारी देकर कराई थी भाई की हत्या
बड़ा खुलासा
नवागत पुलिस अधीक्षक आकाश तोमर के कार्यभार ग्रहण करते ही प्रतापगढ़ पुलिस ने नगर कोतवाली क्षेत्र के पूरे ईश्वरनाथ में हुई राजमिस्त्री की हत्या मामले (Rampal Murder Case) का खुलासा कर दिया है। राजमिस्त्री रामपाल सदर विधायक राजकुमार पाल के परिवार के थे और रिश्ते में उनके सौतेले चाचा लगते थे।
इस मामले का खुलासा किये जाने को लेकर विधायक राजकुमार पाल ने लखनऊ जाकर मुख्यमंत्री से भी मुलाकात की थी और खुद की जान को खतरा बताया था। पुलिस की पड़ताल में यह बात सामने आयी है कि पारिवारिक रंजिश में रामपाल की हत्या उन्हीं के भाई ने ही कराई थी। पुलिस अधीक्षक आकाश तोमर ने रविवार 28 मार्च 2021 को कार्यभार ग्रहण करने के उपरान्त प्रेस कांफ्रेंस करके पूरे मामले की जानकारी मीडिया को दी।
ये है पूरा मामला
21 मार्च 2021 को थानाक्षेत्र कोतवाली नगर के ग्राम पूरे ईश्वरनाथ में एक व्यक्ति रामपाल पुत्र बुद्धिराम पाल निवासी पूरे ईश्वरनाथ थाना कोतवाली नगर जनपद प्रतापगढ़ को 02 अज्ञात व्यक्तियों द्वारा गोली मार कर हत्या कर दी गयी थी। इस सम्बन्ध में मृतक रामपाल के छोटे भाई ईश्वरदीन पाल उर्फ नन्हें पाल के तहरीर पर अभियोग पंजीकृत किया गया था। उक्त प्रकरण सदर विधायक राजकुमार पाल के परिवार से जुड़ा होने के कारण अत्यधिक चर्चित रहा है।
पुलिस द्वारा की गई सघन जांच से यह तथ्य प्रकाश में आया कि ईश्वरदीन उर्फ नन्हें उर्फ पप्पू पाल (वादी मुकदमा) द्वारा ही उक्त घटना को शूटरों के माध्यम से अंजाम दिलाया गया है। ईश्वरदीन ने पूछताछ में बताया कि उसका बड़ा भाई रामपाल ने उसका जीना दूभर कर दिया था। झाड़-फूंक कराकर 02 वर्ष पहले उसने मेरे 18 वर्षीय बड़े लड़के को मरवा दिया था। मेरे लड़के की मौत के बाद उसने अपने घर में मुर्गा दारू की पार्टी भी दिया था। मेरा छोटा लड़का भी उसके तन्त्र-मन्त्र के कारण बीमार रहता है। मुझे ज्ञात हुआ था कि मेरा बड़ा भाई मुझे व मेरे लड़के को भी मारना चाहता है।
इसी कारण मैनें अपनी परेशानी नन्दलाल यादव उर्फ बेदी यादव को बताई थी। नन्दलाल यादव उर्फ बेदी यादव कचहरी में एक रिटायर्ड लेखपाल के पास मुंशी का काम करता है, कचहरी आते-जाते मेरा उससे परिचय हुआ था। नन्दलाल यादव उर्फ बेदी यादव ने रामपाल को रास्ते से हटाने के लिए 1,50,000/- रुपये में शूटर से काम कराने की बात कही थी। इस योजना को नन्दलाल यादव उर्फ बेदी यादव ने अपने भाई हरिश्चन्द्र यादव को अवगत कराते हुए उससे अवैध पिस्टल ली थी और भाड़े के 02 शूटरों (अफसर व उसका एक साथी) को 50-50 हजार रुपये देने के एवज हत्या करने की बात कही थी। इसमें से 35,000 रुपये घटना के चार दिन पहले नन्दलाल उर्फ बेदी यादव को दिया था तथा घटना के बाद 27 मार्च 2021 को पुन: 10,000 रुपये कचहरी प्रतापगढ़ में दिया था, शेष रूपया बाद मे देने को कहा था।
गिरफ्तार अभियुक्त नन्दलाल यादव उर्फ बेदी यादव पुत्र योगेन्द्र यादव निवासी ग्राम पूरे अन्ती थाना अन्तू जनपद प्रतापगढ़ ने पूछताछ में बताया कि ईश्वरदीन पाल अक्सर कचहरी आते जाते थे जहां से मेरा इनका परिचय हुआ था। उसके बड़े लड़के की मृत्यु हो जाने व छोटे लड़के के बीमार होने की बात बताया था और वह अपने भाई रामपाल को रास्ते से हटाना चाहता था। मैंने उसे बताया कि शूटरों से काम कराने में डेढ़ लाख रुपये खर्च होंगे और वह तैयार हो गया था। मैंने अफसर व उसका एक अन्य साथी को काम सौंपा था। शूटरों ने घटना को अंजाम दिया था, घटना में प्रयुक्त पिस्टल मैने दिया था। घटना में प्रयुक्त मोटर साइकिल अफसर की थी।घटना के लगभग चार दिन पहले अफसर को 35,000 रुपये दिया था। काम होने के बाद शनिवार 27 मार्च 2021 को ईश्वरदीन ने पुन: 10,000 रुपये दिया था और कहा था बाकी रूपया जल्द ही दे दूंगा।
गिरफ्तार अभियुक्त अफसर पुत्र मो. अनीस उम्र 21 वर्ष निवासी मकान नं0- 104, मुर्गी फार्म काशीराम कालोनी मीरा भवन के पास थाना कोतवाली नगर जनपद प्रतापगढ़ ने पूछने पर बताया कि रामपाल को मारने के लिए घटना से चार दिन पहले नन्दलाल यादव उर्फ बेदी यादव पुत्र योगेन्द्र यादव निवासी पूरे अन्ती थाना अन्तू जनपद प्रतापगढ़ ने 1,50,000 रुपये की सुपारी दिया था।
घटना के दिन 21 मार्च 21021 को बस अड्डे के पास देशी शराब के ठेके पर रामपाल के आने की जानकारी थी। ठेके के पास चाय की दुकान पर सायं 7 बजे से ही बैठ कर उसका इन्तजार हमलोग कर रहे थे। रामपाल जब मोटर साइकिल से एक आदमी (संत लाल विश्वकर्मा) के साथ अपने घर पूरे ईश्वरनाथ की तरफ जा रहा था तब मैंने उसका पीछा कर लिया। मेरे साथ मेरा एक अन्य साथी था। हमलोग हीरो कम्पनी की काली-लाल करिश्मा मोटर साइकिल पर सवार थे। जैसे ही रामपाल अपने गांव के पास पहुंचा, तब चकरोड के पास उसने मोटर साइकिल रोक दिया था हमलोग आगे पहुंच गये। मैंने पिस्टल निकालकर रामपाल के सिर में गोली मार दी थी। उसी रास्ते से मै अपने साथी के साथ वापस चला आया था। घटना करने के लिए नन्दलाल यादव उर्फ बेदी यादव ने पिस्टल तथा 4 राउण्ड गोली दिए थे।