अरविंद केजरीवाल की बढ़ी टेंशन: CM पद से हटाने की मांग, HC में PIL दाखिल
जानें कोर्ट के सामने क्या-क्या बोली ED?
नई दिल्ली: शराब घोटाले में फंसे दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की मुसीबतें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। ईडी द्वारा की गई केजरीवाल की गिरफ्तारी के बाद अब एक जनहित याचिका (पीआईएल) दायर हुई है, जिसमें केजरीवाल को दिल्ली के सीएम पद से हटाने की मांग की गई। दिल्ली हाई कोर्ट में यह याचिका दिल्ली निवासी सुरजीत सिंह यादव ने दायर की है। मालूम हो कि दिल्ली की मंत्री आतिशी ने केजरीवाल की गिरफ्तारी के बाद साफ कर दिया था कि वे इस्तीफा नहीं देंगे और जेल से ही सरकार चलाएंगे।
कोर्ट के सामने क्या-क्या बोली ED
कथित शराब घोटाले में गिरफ्तार किए गए दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को लेकर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने शुक्रवार को कोर्ट के सामने कई बड़े दावे किए। ईडी ने राउज एवेन्यू कोर्ट में पेश किए गए केजरीवाल को घोटाले का सरगना बताया। जांच एजेंसी ने कई दलीलों के साथ कोर्ट को यह बताने की कोशिश की कि दिल्ली के मुख्यमंत्री रहते हुए कैसे उन्होंने उस आबकारी नीति को बनाने और लागू करने में भूमिका निभाई।
ईडी की ओर से पेश हुए एएसजी एसवी राजू ने कोर्ट से 10 दिन की रिमांड मांगते हुए केजरीवाल पर कई बड़े आरोप लगाए। एएसजी ने केजरीवाल को 'सरगना' बताते हुए कहा कि वह नई आबकारी नीति को बनाने और लागू करने में सीधे जुड़े हुए थे। उन्होंने शराब घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग केस में गिरफ्तार सभी आरोपियों के साथ केजरीवाल के संबंध और संपर्क बताए। इस केस में जेल जा चुके विजय नायर का भी खास तौर पर जिक्र किया गया और केजरीवाल के साथ उनकी करीबी बताई गई।
एएसजी ने कहा कि केजरीवाल 'अपराध की प्रक्रिया' में शामिल थे और गोवा चुनाव प्रचार से भी जुड़े थे। वह पार्टी के मुखिया हैं। वह उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के लगातार संपर्क में थे। एएसजी ने कहा, 'विजय नायर केजरीवाल के घर के करीब रह रहे थे। वह दिल्ली सरकार के मंत्री कैलाश गहलोत को मिले घर में रह रहे थे। उन्होंने आम आदमी पार्टी और साउथ ग्रुप के बीच बिचौलिए की भूमिका निभाई।'
ईडी ने कोर्ट में दावा किया कि केजरीवाल ने फायदा पहुंचाए जाने के बदल साउथ ग्रुप से रिश्वत मांगी। एएसजी ने अपनी दलील को मजबूती देने के लिए कुछ बयानों का भी हवाला दिया। एएसजी ने कहा कि रिश्वत के बदले साउथ ग्रुप को दिल्ली में शराब कारोबार पर नियंत्रण दिया गया। एएसजी ने कहा, 'मैं अपराध की प्रक्रिया में उनकी भूमिका के बारे में बताऊंगा। अपराध केवल रिश्वत में मिले 100 करोड़ रुपए का नहीं, बल्कि रिश्वत देने वालों को हुआ फायदा भी शामिल है। यह 600 करोड़ से अधिक था।' उन्होंने यह भी दावा किया कि सबी वेंडर्स को एक हद तक कैश में दिया गया। एएसजी ने कुछ चैट भी कोर्ट के सामने पेश किए।
ईडी ने दावा किया कि 45 करोड़ रुपए गोवा हवाला से भेजे गए। केंद्रीय जांच एजेंसी ने कहा कि उनके पास चैट, सीडीआर समेत अन्य सबूत मौजूद हैं। एएसजी ने ईडी की तरफ से कहा कि मनी ट्रेल की जांच की गई। गोवा चार रूट से पैसे भेजे गए। बड़ी मात्रा में कैश से लेनदेन हुआ।
केजरीवाल की तरफ से पेश हुए वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि ईडी पास गिरफ्तारी का कोई आधार नहीं है। केवल कुछ लोगों के बयान के आधार पर गिरफ्तार किया गया। यहां गिरफ्तारी की जरूरत नहीं थीऔर ना ही हिरासत में लेकर पूछताछ की। सिंघवी ने कहा कि पहली बार पद पर मौजूद एक मुख्यमंत्री को गिरफ्तार किया गया है। उन्होंने लोकसभा चुनाव का भी जिक्र किया और कहा कि पार्टी के चार वरिष्ठ नेता गिरफ्तार किए जा चुके हैं इसका मतलब है कि पहला वोट पड़ने से पहले नतीजा सामने है। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में सबके लिए समान अवसर होना चाहिए। सिंघवी ने कहा, 'आपको यह दिखाना है कि मैं (केजरीवाल) कैसे शामिल हूं। आप बिना किसी कारण मुझे गिरफ्तार नहीं कर सकते।'