अक्षय कांति बम के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी

जानिए क्या है वजह

Update: 2024-05-10 14:31 GMT
इंदौर। मध्यप्रदेश के इंदौर की एक अदालत ने हत्या के प्रयास के एक मामले में अक्षय कांति बम और चार अन्य के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया है. पांचों को 5 जून को कोर्ट में पेश करना है. पता हो कि अक्षय कांति बम को कांग्रेस पार्टी ने इंदौर से लोकसभा टिकट दिया था. लेकिन उन्होंने अप्रत्याशित ढंग से आखिरी दिन अपना नामांकन वापस ले लिया और बीजेपी में शामिल हो गए. कांग्रेस से टिकट मिलने के बाद ही 17 साल पुराने जमीन हड़पने के मामले में कोर्ट के निर्देश पर बम के खिलाफ हत्या के प्रयास का मामला दर्ज किया गया था. राजनीतिक गलियारों में बम के नामांकन वापस लेने और भाजपा में शामिल होने के पीछे हत्या के प्रयास का मामला दर्ज होना माना जा रहा है.

हालांकि, बम ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा था कि इंदौर सीट से कांग्रेस का उम्मीदवार घोषित किए जाने के बाद जानबूझकर ऐसे मामले सामने लाए गए थे. इंदौर लोकसभा क्षेत्र से कांग्रेस के उम्मीदवार रहे अक्षय कांति बम ने नामांकन वापसी समेत बीजेपी में शामिल होने को लेकर सफाई पेश की थी. कांग्रेस के पूर्व उम्मीदवार ने दावा किया था कि चुनावी प्रचार के लिए पार्टी संगठन की ओर से सहयोग न मिलने के कारण उन्हें चुनाव की दौड़ से बाहर होना पड़ा. दरअसल, बीते 29 अप्रैल को बम के अंतिम समय में नामांकन वापस लेने से कांग्रेस इंदौर सीट पर चुनाव की दौड़ से बाहर हो गई. इसके बाद कांग्रेस छोड़ अक्षय बम ने बीजेपी का दामन भी थाम लिया था. पेशे से बिजनैसमैन बम ने इंदौर के BJP कार्यालय में मीडिया से अपनी सफाई में कहा था.

कांग्रेस उम्मीदवार के रूप में चुने जाने के बाद मैंने वोट हासिल करने के लिए खुद कड़ी मेहनत की, लेकिन इतना बड़ा चुनाव पार्टी संगठन के सहयोग के बिना नहीं लड़ा जा सकता था." बम ने दावा किया था कि जब वह कांग्रेस के उम्मीदवार थे तो उनके चुनाव कार्यक्रम स्थगित कर दिए गए और उनकी प्रचार सामग्री बूथ स्तर के कार्यकर्ताओं तक नहीं पहुंची. दौड़ से हटने से पहले बम ने मप्र कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी से तीन बार बात की थी और सहयोग न मिलने की बात कही थी. बम ने कहा, मैंने मध्य प्रदेश और दिल्ली के नेताओं को लिखा कि मैं (चुनाव प्रचार के लिए) कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं की चुनावी बैठकें और रैलियां आयोजित करना चाहता हूं." बम ने यह भी दावा किया कि कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता दो घंटे तक इंदौर हवाईअड्डे पर मौजूद थे लेकिन उनकी रैली आयोजित नहीं करवाई गई. बम ने संबंधित नेता के नाम का खुलासा करने से इनकार कर दिया.
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