नई दिल्ली: नई दिल्ली स्थित आर्मी हॉस्पिटल (रिसर्च एंड रेफरल) ने 8 अक्टूबर 2022 को दिल की बीमारी से जूझ रहे एक 15 वर्षीय बच्चे का जटिल इलाज किया. डॉक्टरों ने बताया कि बच्चे जन्म से ही जटिल कोजेनाइटल हार्ट डिफेक्ट (CHD) था. इसके लिए बचपन में उसके दो ओपन हार्ट सर्जरी हो चुके थे. उसके दिल में एक आर्टिफिशियल नली लगाई गई थी. ताकि दिल से फेफड़ों तक खून की सप्लाई हो सके.
आर्मी हॉस्पिटल के डॉक्टरों ने बताया कि समय बीतता गया और यह नली खत्म होने लगी. तीसरी बार ओपन हार्ट सर्जरी न करनी पड़े इसलिए डॉक्टरों ने ट्रांसकैथेटर पल्मोनरी वॉल्व इम्प्लांटेशन (Transcatheter Pulmonary Valve Implantation) करने का फैसला लिया. इलाज की यह एक जटिल प्रक्रिया है, जिसमें बड़ी सर्जरी नहीं होती यानी सीने पर चीरा लगाकर दिल का इलाज नहीं किया जाता.
इस इलाज पद्धत्ति में कमर के नीचे छोटा सा कट लगाते हैं. उसके बाद दिल तक एक पतली नली के जरिए दिल में वॉल्व लगाया जाता है. पहली बार किसी सरकारी सैन्य अस्पताल में जहां पर इस तरह का जटिल ट्रीटमेंट किया गया है. इस सर्जरी को लीड किया कर्नल हरमीत सिंह अरोड़ा ने, जो पीडियाट्रिक इंटरवेंशनल कार्डियोलॉजिस्ट हैं. इस सर्जरी में आर्म्ड फोर्सेस मेडिकल सर्विसेस के डायरेक्टर जनरल वाइस एडमिरल रजत दत्ता से भी सलाह ली गई थी. क्योंकि वो तीनों सेनाओं में मौजूद सबसे सीनियर कार्डियोलॉजिस्ट हैं.
सर्जरी को किया है कर्लन संदीप ढींगरा ने. उन्होंने बताया कि पहली बार इस अस्पताल में ऐसी सर्जरी की गई है. इसकी मदद से हम CHD से जूझ रहे बच्चों का आसानी से इलाज कर सकते हैं. बच्चों की ओपन हार्ट सर्जरी नहीं करनी पड़ेगी. इससे एक नॉन-सर्जिकल प्रक्रिया और समय की शुरुआत होगी. Army Hospital (R&R) के कमांडेंट लेफ्टिनेंट जनरल अशोक जिंदल ने डॉक्टरों की टीम को बधाई दी.