आर्मी चीफ नरवणे ने कहा- 'लद्दाख के पास चीन के युद्धाभ्यास पर पैंगोंग समझौते का पूरा सम्मान करते हैं दोनों देश'

लद्दाख के नजदीक चीन की जिस हलचल पर चिंता जताई जा रही थी,

Update: 2021-05-19 11:16 GMT

लद्दाख के नजदीक चीन की जिस हलचल पर चिंता जताई जा रही थी, उसपर अब आर्मी चीफ जनरल एम एम नरवणे का बयान आ गया है. नरवणे ने साफ कहा है कि चीन का अंदरूनी इलाकों में युद्धाभ्यास करना रूटीन अभ्यास है, जिसके लेकर चिंता की जरूरत नहीं है. उन्होंने कहा कि दोनों ही देशों ने पैंगोंग झील समझौते का पूरा सम्मान रखा है. नरवणे ने कोरोना संकट से निपटने के लिए सेना ने जो तैयारियां की हुई हैं, उनपर भी बात की.

लद्दाख के नजदीक चीन के युद्धाभ्यास की खबरों पर आर्मी चीफ नरवणे ने कहा, 'सभी सेनाएं एक तय वक्त के दौरान ट्रेनिंग एरिया में आती हैं. इसी तरह चीन भी अपने ट्रेनिंग एरिया में आया है. जहां पर चीन की सेना वापस जा चुकी है, मतलब जहां डिसएंग्जेमेंट हो चुका है, वहां सेना की वापसी नहीं हुई है. पैंगोंग झील पर जो सेनाओं की वापसी हुई, उस समझौते का दोनों ही देशों ने पूरा सम्मान रखा है.' चीनी सेना कई वर्षों से इन क्षेत्रों में आ रहे हैं जहां वे गर्मी के समय में अभ्यास करते हैं. यह क्षेत्र भारत की सीमा से करीब 100 किलोमीटर दूर है.

कोरोना से निपटने की तैयारियों पर बोले आर्मी चीफ
आर्मी चीफ ने कहा, 'जहां तक सेना की बात है तो पिछले साल जिन बातों को लेकर निर्देश जारी किए गए थे, उन बातों का इस साल भी ख्याल रखा जा रहा है. शुरुआती स्तर पर सेना में कोरोना केस जरूर बढ़े लेकिन फिलहाल वे लगातार कम हो रहे हैं.' नरवणे ने आगे कहा, 'बेड और ऑक्सीजन प्लांट्स की संख्या में बढ़ोतरी का भी सेना ने ध्यान रखा है. उन्होंने बताया कि अप्रैल के मध्य में 1800 ऑक्सीजन बेड थे, जिनको अब बढ़ाकर 4 हजार किया जा चुका है. इसके साथ-साथ ऑक्सीजन प्लांट्स की संख्या भी डबल करके 42 कर दी गई है.'


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