भारत, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया व जापान की सेनाओं ने किया 'मालाबार युद्ध अभ्यास'
नई दिल्ली (आईएएनएस)| बहुराष्ट्रीय समुद्री युद्ध अभ्यास 'मालाबार 2022' के 26वें संस्करण का समापन हो गया है। भारतीय रक्षा मंत्रालय के मुताबिक 'मालाबार 2022' समुद्री अभ्यास 15 नवंबर को जापान के समुद्र में पूरा हुआ। युद्ध अभ्यासों की मालाबार श्रृंखला 1992 में भारत और अमेरिका की नौसेनाओं के बीच एक द्विपक्षीय अभ्यास के रूप में शुरू हुई थी। बाद में ऑस्ट्रेलिया तथा जापान की नौसेनाओं के शामिल होने के साथ यह अभ्यास और अधिक प्रमुख हो गया। इसके बाद अब एक अन्य भारत-अमरीका संयुक्त प्रशिक्षण युद्धाभ्यास उत्तराखंड में किया जाएगा।
मालाबार-22 का समुद्री चरण योकोसुका के पास पांच दिन की अवधि में आयोजित किया गया। इसमें लाइव हथियार फायरिंग, सरफेस ड्रिल्स, एंटी-एयर एवं एंटी-सबमरीन युद्ध अभ्यास तथा टैक्टिकल प्रक्रियाएं आयोजित हुईं। समुद्री चरण का एक अन्य आकर्षण 'समुद्र में युद्ध' था जिसके माध्यम से भाग लेने वाली सभी चार नौसेनाएं अन्तरसंचलानीयता कर पाईं और अपने सामरिक कौशल को सुधार सकीं।
इस हाई-टेंपो अभ्यास में अपनी हवाई क्षमताओं के साथ परमाणु क्षमता से लैस विमानवाहक युद्धपोत, जिनमें लंबी दूरी के समुद्री गश्ती विमान, साथ राहने वाले चार हेलीकाप्टर व दो पनडुब्बियों समेत चार सरफेस शिप की भागीदारी शामिल थी। इस अभ्यास में भाग लेने वाले विभिन्न जहाजों के बीच 'सी राइडर्स' का आदान प्रदान भी शामिल था।
ऑपरेशनल ड्रिल्स एवं अभ्यासों के अलावा, भाग लेने वाले देशों के बीच द्विपक्षीय रसद समर्थन समझौतों को मालाबार अभ्यास के इस संस्करण के दौरान सत्यापित किया गया।
इस अभ्यास से एक दूसरे की सैन्य अभियान संबंधी पद्धतियों की समझ बढ़ाने एवं अनेक समुद्री चुनौतियों से निपटने के लिए सहयोग करने की क्षमता में मदद मिली।
समुद्री अभ्यास के इस संस्करण के माध्यम से अभ्यास की 30वीं वर्षगांठ भी मनाई गई और जेएमएसडीएफ द्वारा इस समुद्री अभ्यास की मेजबानी की गई थी।
'मालाबार समुद्री अभ्यास' में भारतीय नौसेना का प्रतिनिधित्व पूर्वी बेड़े के जहाजों शिवालिक और कामोर्ता द्वारा किया गया। इसका नेतृत्व फ्लैग ऑफिसर कमांडिंग ईस्टर्न फ्लीट रियर एडमिरल संजय भल्ला कर रहे थे।
इसके उपरांत भारत और अमेरिका की सेना जल्द ही एक बार फिर से एक संयुक्त युद्ध अभ्यास का हिस्सा बनेंगी। भारत-अमरीका संयुक्त प्रशिक्षण 'युद्धाभ्यास-22' के 18वें संस्करण का आयोजन इस माह उत्तराखंड में किया जाएगा। यह युद्धाभ्यास भारत और अमरीका की सेनाओं की उत्कृष्ट पद्धतियों, कौशलों, तकनीकों और प्रक्रियाओं का आदान-प्रदान करने के लिए वार्षिक रूप से आयोजित किया जाता है। युद्धाभ्यास के पिछले संस्करण का आयोजन अक्तूबर 2021 में अमरीका के अलास्का में ज्वाइंट बेस एलमेन्ड्राफ रिचर्डसन में किया गया था।
इस अभ्यास में अमरीकी सेना की 11वीं एयरबॉर्न डिवीजन की सेकेंड बिग्रेड के जवान और भारतीय सेना की असम रेजीमेंट के जवान भाग लेंगे। यह प्रशिक्षण कार्यक्रम संयुक्त राष्ट्र अधिदेश के चैप्टर-7 के अंतर्गत एकीकृत युद्धक समूह में नियोजन पर केंद्रित है। इसके अंतर्गत शांति रक्षण और शांति लागू करने से संबंधित सभी प्रकार की कार्रवाइयां शामिल होंगी। दोनों देशों के सैनिक साझा उद्देश्यों को प्राप्त करने के लिए मिलकर कार्य करेंगे।