किलो के हिसाब से सेब बेचने के आदेश के खिलाफ आढ़तियों ने किया हड़ताल का ऐलान

Update: 2023-07-19 18:34 GMT
हिमाचल प्रदेश। किलो के हिसाब से सेब बेचने के सरकार के आदेशों को आढ़तियों ने तालिबानी फरमान करार देते हुए अनिश्चितकालीन हड़ताल का ऐलान कर दिया है। आढ़तियों का कहना है कि किलो के हिसाब से सेब बेचना संभव नहीं है। बागवान संगठन सरकार को गुमराह कर राजनीतिक रोटियां सेंक रहे हैं। सेब सीजन के बीच बिना नोटिस एकाएक हड़ताल से बागवान संकट में घिर गए हैं। बागवानों को फसल खराब होने का डर सता रहा है। एपीएमसी सचिव और एसडीएम ठियोग ने बुधवार को पराला मंडी के निरीक्षण के दौरान किलो के स्थान पर पेटी के हिसाब से सेब बेच रहे आढ़तियों को चालान और लाइसेंस रद करने की चेतावनी दी।
इस पर आढ़ती भड़क गए और काम बंद कर दिया। एसडीएम के समझाने पर भी आढ़ती नहीं माने। आढ़ती एसोसिएशन के प्रदेशाध्यक्ष हरीश ठाकुर का कहना है कि बागवान संगठन कोरी राजनीति कर सरकार को गुमराह कर रहे हैं। सचिवालय में बैठक के दौरान आढ़तियों को अपशब्द कहे गए। लाइसेंस रद्द करने और एफआईआर करने के नाम पर धमकाया जा रहा है। सरकार हमारी नहीं सुन रही। तोल कर सेब बेचना संभव नहीं है। पूरे देश में 2 किलो की काट होती है। सड़कों की खराब हालत, मंडियों में बिजली पानी की समस्या पर कोई बात नहीं हो रही। वीरवार से पूरे प्रदेश में सेब कारोबार बंद रहेगा।
बागवानी मंत्री जगत सिंह नेगी ने कहा है कि किलो के हिसाब से सेब बेचने का फैसला बागवानों और आढ़तियों से चर्चा के बाद लिया है। यह हिमाचल का नहीं पूरे देश का कानून है। सीजन के दौरान हड़ताल का फैसला नैतिक तौर पर भी सही नहीं है। ब्लैकमेलिंग कर रहे आढ़तियों के खिलाफ सरकार कानूनी कार्रवाई करेगी। बागवान संयम बरतें और अन्य मंडियों में अपना उत्पाद बेच कर तानाशाही करने वालों को जवाब दें। सरकार बागवानों के साथ है।
संयुक्त किसान मंच के संयोजक हरीश चौहान और सह संयोजक संजय चौहान ने कहा है कि गैर कानूनी व्यापार करने की मंशा रखने वाले स्वार्थी लोग हड़ताल कर रह हैं। गैर कानूनी हड़ताल खत्म करने के लिए सरकार तुरंत ठोस कदम उठाए। बागवानों को गुमराह करने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाए। बागवान अपनी फसल वैकल्पिक मंडियों में बेच सकें इसके लिए सरकार उचित व्यवस्था करे। सेब उत्पादक संघ के प्रदेशाध्यक्ष सोहन ठाकुर का कहना है कि हड़ताल से आढ़तियों का किसानों के प्रति गैर जिम्मेदाराना रवैया साफ हो गया है। ऑक्शन यार्ड पर पहुंचा हुआ सेब न बेचना किसानों से धोखा है।
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