दिल्ली: भारत में निर्माण कार्यों ने गति पकड़ी है तो विवाद भी बढ़े हैं और आज करीबन 50 हजार करोड़ रूपए से अधिक के इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट विवादों के चलते रूके हुए हैं। इन परियोजनाओं को अर्बिट्रेशन से सुलझाकर भारत को 2047 तक विकसित राष्ट्र बनाने का सपना पूरा किया जा सकता है।
इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्निकल आर्बिट्रेशन के अध्यक्ष कृष्णकांत ने यह जानकारी देते हुए बताया कि इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्निकल आर्बिट्रेशन, दिल्ली विज्ञान भवन में निर्माण अर्बिटे्रशन-इंडियन एवं इंटरनेशनल प्रोसपेक्टिव विषय पर पांचवें अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन 19 व 20 मई, 2023 को कर रहा है। सम्मेलन में मुख्य अतिथि केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत होंगे। व लंदन, दुबई, श्रीलंका, मॉरीशस सहित आठ देशों के अर्बिट्रेटर्स, विधि विशेषज्ञ शिरकत करेंगे।
लोक निर्माण विभाग के पूर्व उपमहानिदेशक एमसीटी परेवा ने बताया कि लोक निर्माण विभाग के महानिदेशक शैलेंद्र शर्मा, दिल्ली हाईकोर्ट के जस्टिस तलवंत सिंह विशिष्ट अतिथि होंगे और अध्यक्षता इंस्टीट्यूट के अध्यक्ष केएन अग्रवाल करेंगे। कार्यक्रम में उत्तर रेलवे, लोक निर्माण विभाग, एनएचएआई, डीडीए सहित कई मंत्रालय के विशेषज्ञ, इंजीनियर्स, अधिकारी शिरकत करेंगे।
अर्बिट्रेशन विशेषज्ञ नीरज राजवंशी ने बताया कि भारत के निर्माण, देश का आर्थिक इंजन माना जाता है, इससे निवेश में वृद्धि, बुनियादी ढांचे का विकास होता है। लेकिन पेचीदे टेंडर्स, आपसी विवाद कई परियोजनाओं के अटकने से सड़क, फ्लाइओवर, ब्रिज, इमारतों के निर्माण रूक जाते हैं। ऐसे में विशेषज्ञ मध्यस्थों के चलते वह तकनीकी और कानूनी मुद्दों के जानकार परियोजनाओं को 18 से 24 महीने में निपटाकर पटरी पर लाने के लिए कानून सम्मत समाधान रखते हैं।