न्याय और शिक्षा को लेकर 2.95 लाख करोड़ रुपये की 2 बड़ी योजनाओं को मंजूरी, मोदी कै‍बिनेट ने लिया अहम फैसले

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को कैबिनेट कमिटी की एक अहम बैठक हुई.

Update: 2021-08-04 11:48 GMT

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को कैबिनेट कमिटी की एक अहम बैठक हुई. इस बैठक में न्याय और शिक्षा को लेकर दो बड़े फैसले लिए गए हैं. इसके अलावा भी कई अहम मुद्दों पर बात हुई है. मीटिंग के बाद केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर और केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर इन फैसलों के बारे में बताया.

मीडिया ब्रीफिंग के दौरान केंद्रीय शिक्षा राज्य मंत्री अन्नपूर्णा देवी और केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण राज्य मंत्री एल मुरुगन भी साथ रहे. आइए जानते हैं कैबिनेट कमिटी ने क्या अहम निर्णय लिए गए हैं:
त्वरित न्याय के लिए फास्ट ट्रैक कोर्ट के गठन को मंजूरी
केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने बताया कि महिलाओं और बच्चियों के साथ यौन अपराध होने पर न्याय के लिए फास्ट ट्रैक कोर्ट के गठन को मंजूरी दी गई है. खासकर दुष्कर्म के मामलों में पीड़िताओं को त्वरित न्याय मिल पाएगा. उन्होंने बताया कि देश में लगभग 1023 फास्ट ट्रैक कोर्ट हैं, जो नियमित चलते रहेंगे. इनमें 389 पॉक्सो कोर्ट हैं, जो पॉक्सो एक्ट के तहत दर्ज हुए मामलों की सुनवाई करती है.
केंद्रीय मंत्री ने बताया कि 2019 में इस योजना को लॉन्च किया गया था. आज की मीटिंग में लिए गए फैसले के मुताबिक, 31 मार्च 2023 तक इसे कंटीन्यू किया जाएगा. इस योजना में कुल व्यय 1572.86 करोड़ रुपये खर्च होगा. इसमें केंद्र सरकार की हिस्सेदारी 971.70 करोड़ रुपये होगी, जबकि शेष 601.16 करोड़ राज्य सरकारें खर्च करेंगी.
2.94 लाख करोड़ रुपये की समग्र शिक्षा को मंजूरी
केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने बताया कि कैबिनेट ने 2.94 लाख करोड़ रुपये की समग्र शिक्षा-2 योजना को मंजूरी दी है. इसके तहत शिक्षा में अभिनव प्रयोगों को शामिल किया गया है. आने वाले समय में बहुत छोटे बच्चों के लिए सरकारी स्कूलों में भी प्ले स्कूल शुरू किये जाने की बात भी कही गई है. इसमें 3 साल की उम्र से ही बच्चे खेल-खेल में पढ़ाई करेंगे.
नई शिक्षा नीति में पढ़ाई और कमाई पर जोर
केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने आगे बताया कि नई शिक्षा नीति पर पढ़ाई और कमाई पर जोर दिया गया है. इसके लिए वोकेशनल एजुकेशन पर सरकार का फोकस है. समग्र शिक्षा के तहत छठी से लेकर 12वीं कक्षा तक इस पर विशेष ध्यान दिया जाएगा.
उन्होंने बताया कि शुरुआती तीन साल यानी 6ठी, 7वीं और एक्सपोजर बढ़ाया जाएगा. वहीं, बाद के चार सालों यानी 9वीं, 10वीं, 11वीं और 12वीं में समय और बाजार की जरूरत के मुताबिक स्किल डेवलप किए जाएंगे. इनमें आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस, सॉफ्टवेयर कोडिंग, वर्चुअल रियलिटी जैसे विषयों को शामिल किया जाएगा.
अंतरिक्ष विज्ञान से जुड़ा अहम फैसला
केंद्रीय कैबिनेट ने भारतीय अंतरिक्ष विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी संस्थान (IIST) और डेफ्ट यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्नोलॉजी (टीयू डेफ्ट) के बीच क्रमश: 09 अप्रैल, 2021 और 17 मई, 2021 को संबंधित संस्थानों में हस्ताक्षरित सहमति पत्र (एमओयू) को मंजूरी दे दी है. इस एमओयू के तहत इनमें से प्रत्येक संस्थान से जुड़े विद्यार्थि‍यों और संकाय सदस्यों के अकादमिक कार्यक्रमों और अनुसंधान कार्यों को पूरा किया जाएगा. अब पारस्‍परिक रुचि वाले सहयोग के संकाय सदस्यों, छात्रों और शोधकर्ताओं, वैज्ञानिक सामग्री, प्रकाशनों और सूचनाओं का आदान-प्रदान करने में मदद मिलेगी.
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