नई दिल्ली: कनाडा में सैकड़ों भारतीय छात्र निर्वासन का सामना कर रहे हैं। ऐसे में एक बार फिर संदिग्ध वीजा एजेंटों और संचालकों की भूमिका सुर्खियों में आ गई है, जो बड़ी रकम के बदले फर्जी वीजा पेपर जारी कर रहे हैं।
विदेश मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, अभी तक कनाडा, ऑस्ट्रेलिया, ब्रिटेन और अमेरिका सहित 240 देशों ने उच्च अध्ययन के लिए भारतीय छात्रों को प्रवेश दिया है। भारतीय छात्रों के विदेश में अध्ययन करने के लिए लाइन लगाने और वीजा की मांग के उच्चतम स्तर को छूने के साथ, उनमें से कई अपने विदेशी सपनों को साकार करने के लिए बेईमान एजेंटों के जाल में फंस रहे हैं। सरकारों और राजनयिक मिशनों के लिए वीजा आउटसोसिर्ंग और प्रौद्योगिकी सेवा विशेषज्ञ वीएफएस ग्लोबल के एक प्रवक्ता ने आईएएनएस को बताया, स्टूडेंट सीजन में, जो आम तौर पर मई के मध्य से शुरू होता है और सितंबर तक चलता है, वीजा के लिए भीड़ अधिक होती है। इस प्रकार, छात्रों के लिए यह महत्वपूर्ण है कि वे इस दौरान लाभ उठाने के इच्छुक बदमाशों से सावधान रहें।
सरकार ने इस साल बजट सत्र के दौरान संसद को बताया कि उच्च शिक्षा के लिए विदेश जाने वाले भारतीयों की संख्या 2022 में 7.5 लाख से ज्यादा रही जो छह साल का उच्चतम स्तर है। रेडसीर की एक रिपोर्ट के अनुसार, वैश्विक पेशेवर अवसरों और विश्व स्तरीय विश्वविद्यालयों के दम पर 2024 तक 18 लाख भारतीय विदेशों में शिक्षा पर 85 अरब डॉलर खर्च करेंगे। प्रवक्ता ने आईएएनएस को बताया, भारत से बाहर जाने की अभूतपूर्व मांग को देखते हुए, वीजा के लिए जल्द से जल्द आवेदन करने की सलाह दी जाती है, ताकि ऐसे ग्रे ऑपरेटरों का शिकार होने से बचा जा सके। उन्होंने कहा, वीजा आवेदकों को सलाह दी जाती है कि वे तीसरे पक्ष की संस्थाओं द्वारा संपर्क किए जाने पर सावधानी बरतें, जो खुद को वीजा सेवा प्रदाता बताते हैं तथा हमारी कंपनी के नाम या अन्यथा का दुरुपयोग करके नियुक्ति या वीजा दिलाने का वादा करती हैं।
इसके अलावा, प्रवक्ता ने कहा कि यह छात्रों पर भी निर्भर करता है कि वे पूरी तरह से एजेंटों पर निर्भर रहने की बजाय उन शैक्षणिक संस्थानों के विवरणों की उचित जांच करें, जहां वे अध्ययन करना चाहते हैं। कंपनी, जिसने 2001 में अपनी स्थापना के बाद से 25.6 करोड़ से अधिक आवेदनों को संसाधित किया है, ने कहा कि यह वीजा घोटालों और धोखाधड़ी के बारे में आम जनता के बीच जागरूकता बढ़ाने के लिए लगातार प्रयास कर रही है। प्रवक्ता ने आईएएनएस को बताया कि कंपनी लगातार इस खतरे के बारे में वीजा आवेदकों को सावधान करने के लिए हमारे सभी ग्राहक संपर्क बिंदुओं का लाभ उठा रही है।
हाल ही में, वीएफएस ग्लोबल के सुरक्षा कर्मियों ने, जो 145 देशों में 3,400 से अधिक आवेदन केंद्रों के साथ एक वैश्विक नेटवर्क संचालित करता है, नई दिल्ली में इतालवी वीजा के लिए आवेदन करने के लिए जाली दस्तावेजों वाले सात आवेदकों के एक समूह को पकड़ा। आवेदकों को कथित तौर पर दिल्ली के दो एजेंटों ने 30,000 रुपये से 55,000 रुपये के बदले दस्तावेज मुहैया कराए थे। जांच के दौरान यह पाया गया कि जालसाजों द्वारा वीएफएस ग्लोबल के नकली लोगों के जरिए जाली कागजात तैयार किए गए थे। प्रवक्ता ने कहा, हम यात्रियों का फायदा उठाने वाले तीसरे पक्ष की धोखाधड़ी करने वाली संस्थाओं के खिलाफ सतर्क रहेंगे और खतरे को कम करने के लिए पुलिस अधिकारियों के साथ मिलकर काम करेंगे।