IIT दिल्ली के स्टार्टअप नैनोक्लीन ग्लोबल ने नासो-95 नाम से इस वियरेबल एयर प्यूरिफायर को लॉन्च किया है। ये N-95 ग्रेड का नेजल फिल्टर है। इसे सीधे नाक में लगाया जा सकता है। इससे सांस लेने पर धूल, वायरस और बैक्टीरिया हमारे शरीर के अंदर नहीं जा पाएंगे। नासो-95 चार अलग-अलग साइज में उपलब्ध है। एडल्ट्स के साथ ही इसे बच्चे भी इसे इस्तेमाल कर सकते हैं। कंपनी का दावा है कि यह सामान्य फेस मास्क से बेहतर सुरक्षा देगा क्योंकि मास्क कहीं न कहीं से ढीले रह जाते हैं। इस प्रोडक्ट को नेशनल और इंटरनेशनल लेवल पर टेस्ट किया गया है। नासो-95 के लॉन्च इवेंट में मौजूद ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस (AIIMS) दिल्ली के पूर्व निदेशक डॉ एमसी मिश्रा ने कहा कि वायरस की तुलना में वायु प्रदूषण ज्यादा गंभीर समस्या है। लंग कैंसर यानी फेफड़ों का कैंसर आम होता जा रहा है। नासो-95 जैसे प्रोडक्ट्स हमें फेफड़ों की ऐसी खतरनाक बीमारियों से बचाने में काम आएंगे।
डॉ मिश्रा ने आगे कहा कि कोरोना के समय नासो-95 बहुत काम की चीज है। ये उन जगहों पर हमें वायरस से सुरक्षा देगा जहां हमें मास्क उतारना पड़ता है। जैसे एयरपोर्ट, सिक्योरिटी चेक्स आदि, जहां पहचान के लिए मास्क हटाना जरूरी होता है।