नई दिल्ली: अग्निपथ योजना के खिलाफ देशभर में मचे बवाल का मामला सुप्रीम कोर्ट (Agnipath Scheme in Supreme Court) पहुंच गया है. इस योजना को लेकर शीर्ष अदालत में एक जनहित याचिका दाखिल की गई है. सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज की अध्यक्षता में अग्निपथ योजना (Agnipath Scheme Protest Bihar Bandh) की समीक्षा की मांग की है. सर्वोच्च अदालत में वकील विशाल तिवारी ने यह याचिका दाखिल की है. याचिका में अग्निपथ को लेकर हुई हिंसा के मामले की जांच के लिए SIT गठित करने की अपील की गई है. साथ ही देशभर में हुई हिंसा को लेकर स्टेटस रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट में दाखिल करने की मांग की है.
अग्निपथ योजना के खिलाफ देशभर में बवाल मचा हुआ है. बिहार में आज बंद का ऐलान किया गया है. उत्तर से लेकर दक्षिण तक के राज्यों में आगजनी और तोड़फोड़ की खबरें आ रही हैं. हिंसक प्रदर्शन को लेकर यूपी में ही 260 से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार किया गया है. हालांकि उत्तर प्रदेश में हिंसा अभी भी जारी है. जौनपुर में लोगों ने बसों में तोड़फोड़ मचाई है.
इस बीच केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बड़ा ऐलान किया है. उन्होंने कहा है कि केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (CAPF) और असम राइफल्स (Assam Rifles) की भर्ती में अग्निवीरों को आरक्षण मिलेगा. उन्होंने कहा कि इन अर्धसैनिक बलों में अग्निवीरों को वरीयता दी जाएगी. अग्निपथ योजना के तहत 4 साल पूरे होने के बाद अग्निवीरों को भर्ती में 10 प्रतिशत का आरक्षण दिया जाएगा.
याचिका में यूपी में चले बुलडोजर पर भी सवाल उठाए गए हैं. याचिका में कहा गया है कि कुछ दिन पहले सरकार की ओर से उत्तर प्रदेश में दंगों में शामिल होने के कथित आरोप में कुछ मुसलमानों के घर गिरा दिए गए थे. उत्तर प्रदेश सरकार की इस हरकत पर सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज ने भी आपत्ति जताई थी. अब अग्निपथ स्कीम को लेकर बड़े पैमाने पर हिंसक प्रदर्शन हो रहा है. रेलवे और अन्य सरकारी संपत्ति को भारी नुकसान हुआ है. वकील ने पूछा कि क्या अब सरकार ट्रेन जलाने वालों के घरों पर बुलडोजर चलाएगी. या फिर यूपी सरकार पक्षपातपूर्ण रवैया अपना रही है.