कोरोना के बीच जीका वायरस के कम्युनिटी स्प्रेड की आशंका, पढ़े हैरान करने वाली रिपोर्ट

कोरोना की दूसरी लहर के बीच केरल में जीका वायरस का प्रकोप भी शुरू हो गया था.

Update: 2022-02-11 06:08 GMT

Zika Virus in Kerala: कोरोना की दूसरी लहर के बीच केरल में जीका वायरस का प्रकोप भी शुरू हो गया था. अब एक रिपोर्ट सामने आई है जिसमें कहा गया है कि केरल में उस समय जीका वायरस का कम्युनिटी स्प्रेड हुआ था.

एक मेडिकल जर्नल की रिपोर्ट में दावा किया गया है कि कोरोना की दूसरी लहर के दौरान केरल में जीका वायरस का कम्युनिटी स्प्रेड भी हुआ था. उस समय जो मरीज सामने आ रहे थे, उनकी किसी की भी ट्रैवल हिस्ट्री नहीं थी.
इस रिपोर्ट में कहा गया है कि केरल में जीका से संक्रमितों की न तो कोई ट्रैवल हिस्ट्री थी और न ही उनके परिवार में किसी में कोई लक्षण थे. इसलिए ऐसा माना जा रहा है कि केरल में जीका वायरस का कम्युनिटी स्प्रेड हुआ होगा.
कम्युनिटी स्प्रेड उसे कहा जाता है जब कोई बीमारी स्थानीय स्तर पर फैलनी शुरू हो जाती है. आमतौर पर कोई बीमारी कहीं से शुरू होती है और जब वो दूसरी जगह फैलनी शुरू होती है तो उसकी ट्रैवल हिस्ट्री रहती है. लेकिन जब मरीजों की कोई ट्रैवल हिस्ट्री नहीं रहती तो समझा जाता है कि बीमारी का कम्युनिटी स्प्रेड शुरू हो गया है.
केरल में जीका वायरस का पहला मामला 8 जुलाई 2021 को सामने आया था. उस समय एक 24 साल की गर्भवती महिला संक्रमित मिली थी. संक्रमित महिला तिरुवनंपुरम के पारसलेन की रहने वाली थी. बुखार, सिरदर्द और शरीर पर लाल चिकत्ते पड़ने के बाद महिला को अस्पताल में भर्ती कराया गया था.
जीका एक मच्छर से फैलने वाला वायरस है जो एडीज एजिप्टी नाम की प्रजाति के मच्छर के काटने से फैलता है. विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के मुताबिक, एडीज मच्छर आमतौर पर दिन के दौरान काटते हैं. ये वही मच्छर है जो डेंगू, चिकनगुनिया फैलाता है. हालांकि, ज्यादातर लोगों के लिए जीका वायरस का संक्रमण कोई गंभीर समस्या नहीं है, लेकिन ये प्रेग्नेंट महिलाओं के लिए खासतौर से भ्रूण के लिए खतरनाक हो सकता है.
जीका वायरस के कुछ खास लक्षण नहीं है. इसके लक्षण भी आमतौर पर डेंगू जैसे ही होते हैं जैसे बुखार आना, शरीर पर चकत्ते पड़ना और जोड़ों में दर्द होना.
केरल में जीका के सबसे ज्यादा मामले देखने को मिले हैं. एक बच्चे ने इस वायरस की वजह से अपनी जान भी गंवा रखी है. ऐसे में ये वायरस घातक भी है और इस पर काबू पाना मुश्किल भी.
सेंटर फॉर डिसीज कंट्रोल के मुताबिक, जीका वायरस से मरीज की मौत होने की आशंका बहुत कम होती है. इसके साथ ही सिर्फ गंभीर मरीजों को ही अस्पताल में भर्ती होने की जरूरत पड़ती है.
क्या है इसका इलाज?
अभी तक जीका वायरस का कोई इलाज नहीं है. सिर्फ डॉक्टरी देखभाल ही ठीक हुआ जा सकता है. इसके साथ ही मच्छरों के काटने से बचकर और मच्छरों के प्रसार को रोककर ही बचने की कोशिश कर सकते हैं. वहीं, अभी तक इसकी कोई वैक्सीन भी नहीं है.
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