प्रमोटी IAS पर Anti Corruption Bureau की बड़ी कार्रवाई, डाले गए वेटिंग में, जानिए वजह

एफआईआर में दर्ज किया जाएगा.

Update: 2020-12-10 03:42 GMT

जयपुर. भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (Anti Corruption Bureau) की ओर से की गई बड़ी कार्रवाई के बाद राज्य सरकार ने बारां के जिला कलेक्टर इन्द्र सिंह (Indra Singh) को पद से हटा दिया है. उन्‍हें वेटिंग (APO) में डाल दिया गया है. एसीबी की प्राथमिक जांच में रिश्‍वत लेने के मामले में कलेक्टर इन्द्र सिंह की अपरोक्ष संलिप्तता सामने आई है. एसीबी ने बुधवार को कलेक्टर के पीए को पेट्रोल पंप की एनओसी देने के मामले में 1.40 लाख रुपये की रिश्वत लेते हुये रंगे हाथों पकड़ा था. पीए के रिश्वत लेते ही जिला कलेक्टर ने काम भी कर दिया था.

इस मामले में परिवादी का लंबे समय से पेंडिंग चल रहा काम रिश्वत देने के बाद हुआ. एसीबी के अधिकारियों का कहना है कि अब जिला कलेक्टर इन्द्र सिंह का नाम भी एफआईआर में दर्ज किया जाएगा. एसीबी की इस कार्रवाई के बाद बारां जिला प्रशासन में हड़कंप मचा हुआ है.
छठी बार एपीओ हुए हैं इन्द्र सिंह
प्रमोटी आईएएस इन्द्र सिंह को राज्य सरकार ने 25 दिसंबर 2018 को बारां जिले का कलेक्टर बनाया था. इन्द्र सिंह आरएएस अफसर थे, लेकिन बाद में प्रमोशन से आईएएस बन गए. इन्द्र सिंह कई महत्वपूर्ण पदों पर रहे हैं. इससे पहले वे 5 बार एपीओ हो चुके हैं. उन पर छठी बार कार्रवाई की गई है. वह एक बार सस्पेंड भी हो चुके हैं. कलेक्टर बनने से पहले रेवेन्यू बोर्ड अजमेर के सदस्य थे. इंद्र सिंह एडीएम (सिटी) बीकानेर समेत राज्य सरकार के कई महत्वपूर्ण पदों पर अपनी सेवाएं दे चुके हैं. वे श्रीगंगानगर और हनुमानगढ़ के एसडीएम भी रह चुके हैं.
अटरू निवासी परिवादी ने दर्ज कराई थी शिकायत
उल्लेखनीय है कि एसीबी ने बुधवार को बारां कलेक्टर इन्द्र सिंह के पीए महावीर नागर को 1 लाख 40 हजार रुपए की रिश्वत की राशि के साथ गिरफ्तार किया था. इस बारे में बारां जिले के अटरू निवासी निवासी गोविंद अटलपुरी ने भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो में अपनी शिकायत दर्ज करवाई थी. परिवादी ने अपनी शिकायत में बताया था कि उसके छींपाबड़ोद स्थित पेट्रोल पंप की एनओसी को जारी करने के एवज में जिला कलेक्टर के पीए ने 2.40 हजार रुपये की रिश्वत की मांग की है.
कोटा एसीबी की टीम ने दिया कार्रवाई को अंजाम
शिकायत के बाद एसीबी के अतिरिक्त महानिदेशक दिनेश एमएन के निर्देश में परिवादी की शिकायत का सत्यापन करवाया गया तो वह सही निकली. इस पर बुधवार को कोटा एसीबी के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक चंद्रशील सिंह ठाकुर के नेतृत्व में ब्यूरो की टीम ने कलेक्टर के पीए महावीर नागर को 1.40 लाख रुपए की रिश्वत लेते हुये रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया था.
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