छोटे कारोबारियों के हितों को ध्यान में रखते हुए मोदी सरकार लगातार ई-कॉमर्स कंपनियों पर अपना शिकंजा कस रही है. Amazon को गुरुवार को एक और बड़ा झटका तब लगा जब भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (CCI) ने उसके प्लेटफॉर्म पर सबसे बड़े सेलर के ठिकानों पर छापे मारे.
रॉयटर्स की खबर के मुताबिक सीसीआई ने गुरुवार को Cloudtail और Appario के दिल्ली और बेंगलुरु स्थित ठिकानों पर छापे मारे. एमेजॉन पर होने वाली कुल बिक्री में करीब 80% बिक्री Cloudtail करती है. जबकि Appario भी ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म्स पर सेल करने वाली सबसे बड़ी कंपनियों में से एक है.
छोटे कारोबारियों के संगठन कैट (CAIT)से जुड़ी एक संस्था दिल्ली व्यापार मंच ने सीसीआई से एमेजॉन और फ्लिपकार्ट के एफडीआई नियमों को धता बताने और अपने प्लेटफॉर्म पर Cloudtail और Appario जैसी कंपनियों को तरजीह देने की शिकायत की थी. इसके बाद जनवरी 2020 में आयोग ने दोनों कंपनियों के खिलाफ जांच शुरू की थी. इसी क्रम में गुरुवार को Cloudtail और Appario के ठिकानों पर छापे मारे गए.
कैट ने बार-बार कई मौकों पर Amazon और Cloudtail के काम करने के तरीके पर सवाल उठाए हैं. कैट का आरोप रहा है कि एमेजॉन हमेशा अपने प्लेटफॉर्म पर बाकी सेलर्स के मुकाबले इस कंपनी को तरजीह देती है. इस कंपनी में एमेजॉन का निवेश है और इस तरह कंपनी एफडीआई नियमों का उल्लंघन करती है. हालांकि एमेजॉन ने हर बार अपने प्लेटफॉर्म पर सेलर्स के साथ भेदभाव किए जाने से इंकार किया है.
इंफोसिस के फाउंडर एन. नारायण मूर्ति के और एमेजॉन के बीच एक डील पर साइन होने के बाद क्लाउडटेल बनी थी. एमेजॉन क्लाउडटेल को एक स्वतंत्र सेलर बताती है, लेकिन इसे लेकर रॉयटर्स ने अपनी एक खबर में खुलासा किया था कि क्लाउडटेल के विस्तार और कामकाज में एमेजॉन का बड़ा हाथ है. हाल में खबर आई थी कि क्लाउडटेल में मूर्ति की हिस्सेदारी को भी एमेजॉन खरीदने जा रही है.
सीसीआई ने गुरुवार को किस वजह से छापा मारा है, इसकी पूरी डिटेल अभी सामने नहीं आई है. ना ही इस पर Amazon और CCI ने किसी तरह की कोई प्रतिक्रिया दी है. इस बीच कंफेडेरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (CAIT) के महासचिव प्रवीण खंडेलवाल ने सीसीआई के इस कदम का स्वागत किया है.