लखनऊ: कानपुर के कारोबारी पीयूष जैन के खिलाफ एक और मामला दर्ज किया गया है. यह मामला डायरेक्टरेट ऑफ रेवेन्यू इंटेलिजेंस (DRI) ने आयकर विभाग द्वारा कानपुर में पीयूष जैन के ठिकानों से 23 किलो सोने की बरामदगी के मामले में दर्ज किया.
DRI ने पीयूष जैन पर कस्टम एक्ट में एफआईआर दर्ज की है. कारोबारी पीयूष जैन के ठिकानों पर आयकर ने हाल ही में छापे मारे थे. इन छापों में पीयूष के यहां से कुल 195 करोड़ रुपये की नकदी बरामद हुई. इसके अलावा 23 किलो सोना, जिसकी कीमत करीब 10 करोड़ रुपए है और 6 करोड़ का चंदन का तेल भी मिला.
साधारण तरीके से रहता था पीयूष
पीयूष की जीवनशैली बहुत आम थी. पीयूष के पास एक स्कूटर था और वे उसी का अधिक उपयोग करता था. कानपुर यूनिवर्सिटी से केमिस्ट्री में एमएससी करने वाले पीयूष जैन के पिता कैलाश चंद जैन का कन्नौज में ही कपड़ों का छोटा व्यापार था. लेकिन पीयूष जैन ने पिता के धंधे में हाथ बटाने के बजाय मुंबई की डिटर्जेंट फैक्ट्री में नौकरी करने से अपने किस्मत को बदलने की शुरुआत की. साबुन फैक्ट्री में काम करने के दौरान ही पीयूष जैन को केमिकल कंपाउंड के बिजनेस की जानकारी हुई. इसके बाद उसने कन्नौज में इस काम की शुरुआत की.
केमिकल कंपाउंड के धंधे से मुनाफा हुआ तो उसने अपने कारोबार को कानपुर के गुटखा कारोबारियों तक फैला दिया. जिस गुटखे के कारोबार में खुशबू के लिए इत्र काफी महंगा साबित होता है. उसमें पीयूष जैन के केमिकल कंपाउंड ने गुटखे में लागत को कम किया लेकिन खुशबू बढ़ा दी. यही वजह थी कि पीयूष जैन के केमिस्ट्री के ज्ञान से बने केमिकल कंपाउंड ने चंद सालों में ही उसे इन ऊंचाइयों पर पहुंचा दिया था.
कानपुर और कन्नौज में पड़े छापे
पीयूष जैन के कानपुर वाले ठिकाने से 177.45 करोड़ रुपये कैश मिला. वहीं कन्नौज वाले ठिकाने (पैतृक निवास) से 19 करोड़ रुपये कैश मिले. दोनों को मिलाया जाए तो छापेमारी में कुल 196 करोड़ से ज्यादा कैश मिला.