टूलकिट मामले में एक और खुलासा, भारत की छवि खराब करने दिशा ने दो साथियों के साथ रचा था षड्यंत्र

टूलकिट मामला

Update: 2021-02-16 01:30 GMT

फाइल फोटो 

किसान आंदोलन के दौरान देश की छवि खराब करने के लिए ही टूलकिट को बनाया गया था। सोमवार को दिल्ली पुलिस ने प्रेसवर्ता कर इसकी जानकारी दो। पुलिस के मुताबिक टूलकिट को दिशा रवि, निकिता जैकब और शांतनु ने मिलकर तैयार किया था। खालिस्तानी समर्थकों ने पूरी दुनिया में भारत की छवि खराब करने का षडयंत्र रचा। टूलकिट उसी का एक हिस्सा था। टूलकिट के जरिय-ग्लोबल डे ऑफ एक्शन, डिजीटल स्ट्राइक और ट्वीटर स्टॉर्म लाने की साजिश रची गई थी।

इसी केस में रविवार को पर्यावरण कार्यकर्ता दिशा रवि की गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने निकिता और शांतनु की तलाश शुरू की तो दोनों गायब मिले। दिल्ली पुलिस की गुजारिश पर कोर्ट ने दोनों के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी कर दिए हैं। पुलिस की कई टीमें मुंबई, पुणे समेत देश के दूसरे हिस्सों में उनकी गिरफ्तारी के लिए दबिश दे रही हैं।
साइबर सेल के संयुक्त आयुक्त प्रेमनाथ ने बताया कि नवंबर से चल रहे किसान आंदोलन के दौरान खालिस्तानी समर्थकों ने देश की छवि को नुकसान पहुंचाने के लिए योजनाएं बनाना शुरू कर दिया था। इसके लिए दिशा रवि ने 6 दिसंबर को एक व्हाट्सऐप ग्रुप बनाया। इसमें कई लोगों को जोड़ा गया। इस बीच खालिस्थानी संगठन से जुड़े -पाएटिक जस्टिस फाउंडेशन- के एमओ धालीवाल ने कनाडा में रहने वाली अपने सहयोगी पुनीत के जरिये निकिता जैकब से संपर्क किया।
11 जनवरी को गूगल जूम के जरिए एक मिटिंग हुई जिसमें दिशा, निकिता, शांतनु और एमओ धालीवाल समेत करीब 70 लोगों ने भाग लिया। इसमें तय किया गया कि किसान आंदोलन के जरिये देश के माहौल को खराब किया जाए। इसके बाद टूलकिट गूगल डोकोमेंट को तैयार कर दिया गया। बाद में इसे सोशल मीडिया पर पोस्ट भी कर दिया गया। 26 जनवरी के बाद स्वीडन की क्लाइमेट एक्टिविस्ट ग्रेटा थनबर्ग ने दिशा रवि के कहने पर टूलकिट को पोस्ट कर दिया।
चार फरवरी को मामला जब संज्ञान में आया तो आरोपियों ने इसके सबूत नष्ट करना शुरू कर दिए। दिशा ने व्हाटऐप ग्रुप डिलीट कर दिया। लेकिन पुलिस ने धीरे-धीरे इनके खिलाफ सबूत जुटा लिए। पुलिस ने मामले से जुड़े डिजीटल फुटप्रिंट जुटाए हैं। इसमें शांतनु का एक ई-मेल भी शामिल है, जिसमें टूलकिट का जिक्र किया गया है। तमाम जानकारियां जुटाने के बाद पुलिस ने पेशे से वकील निकिता के घर की तलाशी के लिए नौ फरवरी को सर्च की अनुमति ली। 11 फरवरी को एक टीम मुंबई स्थित निकिता के घर पहुंची। वहां से पुलिस ने दो लैपटॉप और एक आईफोन बरामद किया। चूंकि टीम शाम को पहुंची थी, इसलिए निकिता से पूछताछ नहीं हुई। उससे पूछताछ में शामिल होने के लिए कुछ दस्तावेज पर साइन करवाए गए। लेकिन अगले ही दिन निकिता फरार हो गई। शांतनु भी अपने घर से फरार है। पुलिस की कई टीमें इनकी तलाश में जुटी हैं।
योग व चाय पर निशाना
टूलकिट मामले की जांच के दौरान खुलासा हुआ है कि भारतीय संस्कृति के अलावा योग, चाय और विदेशों में भारतीय दूतावास को निशाना बनाने की बात की गई थी। योजना के तहत किसानों के समर्थन में लोग भारतीय दूतावासों का घेराव कर वहां हंगामा करें।
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