पंजाब कांग्रेस में एक और बड़े नेता ने कैप्टन सरकार को बताया हर मोर्चे पर विफल

विधानसभा चुनाव से पहले पंजाब कांग्रेस में आंतरिक कलह शांत होने का नाम नहीं ले रही है।

Update: 2021-09-12 18:26 GMT

विधानसभा चुनाव से पहले पंजाब कांग्रेस में आंतरिक कलह शांत होने का नाम नहीं ले रही है। नवजोत सिंह सिद्धू और कैप्टन अमरिंदर सिंह में टकराव के बीच पार्टी के एक और बड़े नेता ने बागी सुर अपना लिए हैं। पंजाब प्रदेश कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष शमशेर सिंह दूलो ने राज्य में अपनी ही सरकार हर बरसते हुए इसे हर मोर्चे पर विफल बताया है।

दूलो ने रविवार को पत्रकारों से बातचीत में कहा कि राज्य सरकार ने दलित विद्यार्थियों की छात्रवृत्ति घोटाले के दोषियों और जहरीली शराब से हुई मौतों के दोषियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की। सरकार ने न तो रेत खनन माफियाओं पर नकेल कसी और न ही नशे पर अंकुश लगा सकी। गुरु ग्रंथ साहिब का अनादर करने वालों को भी सजा नहीं मिली।
दूलो ने कहा, ''हमें लोगों को घर-घर नौकरी देने के वादों को लेकर हर जगह जवाब देना पड़ता है। आतंकवाद के खिलाफ बहादुरी से लड़ने वाले कांग्रेस के टकसाली कार्यकर्ता आज ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं, क्योंकि कांग्रेस पर दलबदलुओं का कब्जा हो गया है। राज्य में कांग्रेस सरकार बनाने में हिंदू, दलित और पिछड़ा वर्गों का अहम योगदान है लेकिन सरकार हिंदू, दलित और पिछड़े वर्ग की उपेक्षा कर रही है। होशियारपुर जिला भी हिंदू और दलित बहुल है लेकिन यहां भी इनकी अनदेखी की जा रही है।
दूलो ने कहा कि आगामी विधानसभा चुनाव में हिंदुओं, दलितों और पिछड़े वर्गों की अनदेखी का खामियाजा कांग्रेस को भुगतना पड़ेगा। दूलों का यह रुख कांग्रेस की मुश्किलों को और बढ़ाने वाला है। हाल ही में आए एक सर्वे में भी इस बात के संकेत मिले हैं कि आंतरिक कलह का खामियाजा कांग्रेस को चुनाव में उठाना पड़ सकता है।
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