नई दिल्ली। सऊदी अरब में ईद-उल-अजाह का चांद दिखाई दे गया है। यहां धुल हिज्जा महीना 19 जून से शुरू हो गया है वहीं बकरीद 28 जून को मनाई जाएगी। भारत में 19 जून को यानि आज धुल हिज्जा महीने का चांद दिखाई दे गया है। ऐसे में यहां बड़ी ईद 29 जून को मनाई जाएगी। भारत के साथ-साथ इंडोनेशिया और मलेशिया के मुस्लिम लोग भी 29 जून को ईद-अल-अधा मनाएंगे। ईद अल-अज़हा या ईद उल-अज़हा मुस्लिमों का सबसे लोकप्रिय त्योहार है। इस दिन विशेष रूप से बकरे की कुर्बानी दी जाती है जिस कारण इसे बकरीद भी कहते हैं। बकरीद की तारीख धुल हिज्जा महीने के चांद के दिखने पर निर्भर करती है। इस्लामिक चंद्र कैलेंडर के अनुसार जु-अल-हज्जा या धुल हिज्जा महीना बारहवां महीना होता है। इस महीने के दसवें दिन ईद-उल-अजहा यानी बड़ी ईद का त्योहार मनाया जाता है।
ये कुर्बानी का त्योहार होता है। इस्लाम में इस दिन अल्लाह के नाम पर कुर्बानी देने के परंपरा है। इस दिन मुस्लिम लोग नमाज अदा करने के बाद बकरे की कुर्बानी देते हैं। बकरीद के मौके पर गरीबों का खास ख्याल रखा जाता है। इस दिन दी गई कुर्बानी के तीन हिस्से किए जाते हैं। जिसमें से एक हिस्सा खुद के लिए, बाकी दो हिस्से जरूरतमंदों को बांटने के लिए रखे जाते हैं। इस पर्व को इतिहास पैगंबर हजरत इब्राहिम से जुड़ा हुआ है। माना जाता है कि इस दिन हजरत इब्राहिम अल्लाह के आदेश पर अपने प्रिय बेटे की कुर्बानी देने लगे थे। जैसे ही वो अपने बेटे की कुर्बानी देने लगे अल्लाह ने उनके बेटे को बकरे से बदल दिया। जब हजरत इब्राहिम ने अपनी आंखें खोली तो उन्होंने देखा कि उनका बेटा बिल्कुल ठीक खड़ा है उसकी जगह बकरे की कुर्बानी दी गई है। कहते हैं तभी से इस दिन जानवरों की कुर्बानी देने की परंपरा शुरू हो गई।