स्वदेशी गाय की नस्लों के संरक्षण के लिए 'नवनीता सेवा' की एलान, तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम ने शुरू की पहल
आंध्र प्रदेश के तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (Tirumala Tirupati Devasthanams) ने स्वदेशी गाय की नस्लों के प्रचार और संरक्षण के लिए ‘नवनीता सेवा’ (Navaneeta Seva) नाम की एक पहल शुरू करने की घोषणा की है.
आंध्र प्रदेश के तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (Tirumala Tirupati Devasthanams) ने स्वदेशी गाय की नस्लों के प्रचार और संरक्षण के लिए 'नवनीता सेवा' (Navaneeta Seva) नाम की एक पहल शुरू करने की घोषणा की है. एक मीडिया रिपोर्ट में शनिवार को तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम प्राधिकरण के अध्यक्ष और कार्यकारी अधिकारी डॉ केएस जवाहर रेड्डी के हवाले से बताया गया है कि यह फैसला शुक्रवार को डॉ रेड्डी की अध्यक्षता में हुई प्राधिकरण की पहली बैठक के दौरान लिया गया.
डॉ रेड्डी ने तिरुमाला में अन्नामय्या भवन में आयोजित एक बैठक के समापन के बाद मीडिया को दिए अपने बयान में कहा, 'स्वदेशी गोजातीय को बचाने के हमारे दिव्य मिशन के हिस्से के रूप में हमने तीन महत्वपूर्ण कार्यों पर चर्चा की. जिनमें से दो कार्य- देशी गाय की नस्लों का संरक्षण और संवर्धन, और गाय उत्पादों के साथ जैविक खेती को बढ़ावा देना' है.
भक्त भी ले सकते हैं इस सेवा में भाग
आईएएस अधिकारी डॉ रेड्डी जो आंध्र प्रदेश के कोविड कमांड सेंटर के अध्यक्ष भी हैं. उन्होंने 'नवनीता सेवा' के बारे में बताते हुए कहा, 'तिरुमाला मंदिर में भगवान वेंकटेश्वर के लिए नैवेद्यम या प्रसाद तैयार करने के लिए प्रतिदिन कम से कम 20 किलोग्राम गाय के घी की जरूरत होती है. इसके अलावा कम से कम 1000-1200 लीटर दूध की भी जरूरत होती है. इस सेवा में भक्त भी भाग ले सकते हैं. देशी गाय की नस्लों से प्राप्त दूध का इस्तेमाल करके इस सेवा को शुरू किया जाएगा.
टीओआई के मुताबिक, डॉ रेड्डी ने बताया कि देश भर के विभिन्न परोपकारी लोगों ने गायों को हमें दान करने की इच्छा जाहिर की है. जबकि एक दाता पहले ही इस नई पहल के लिए गिर नस्ल की 25 गायों को दान कर चुका है. अधिकारी ने आगे कहा, 'हमने तिरुपति के एसवी वेटरनरी यूनिवर्सिटी के एक्सपर्ट्स के साथ प्रजनन नीतियों, फीड मिक्सिंग और ऐसी नस्लों को बढ़ावा देने के लिए भ्रूण हस्तांतरण तकनीक पर एक समझौते के लिए बातचीत की है.' तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम एक स्वतंत्र ट्रस्ट है जो आंध्र प्रदेश में त्रिमाला वेंकटेश्वर मंदिर सहित विभिन्न मंदिरों के प्रबंधन की जिम्मेदारी संभालता है.