देहरादून (आईएएनएस)| उत्तराखंड के अंकिता हत्याकांड में चार्जशीट बन कर तैयार है, सोमवार को कोर्ट में पेश कर दी जाएगी। एडीजी लॉ एंड ऑर्डर वी. मुरुगेशन के अनुसार चार्जशीट दाखिल करने में 90 दिन का समय लगा। उनके अनुसार 500 पन्नों की चार्जशीट है जो दाखिल की जाएगी। इसमें लगभग 100 गवाहों से पूछताछ की गई है। दिनांक 19/9/2022 को वादी पुलकित आर्य पुत्र विनोद कुमार निवासी गंगाभोगपुर तल्ला यमकेश्वर द्वारा राजस्व क्षेत्र पट्टी उदयपुर पल्ला न. 2 पौड़ी गढ़वाल में अपने रिसॉर्ट कर्मी अंकिता भंडारी की गुमशुदगी दर्ज करायी गयी थी। राजस्व निरीक्षक की रिपोर्ट के आधार पर उक्त अभियोग की विवेचना जिलाधिकारी के आदेशानुसार नियमित पुलिस को दिनांक 22 सितंबर को स्थानान्तरित की गयी।
घटना स्थल का निरीक्षण व रिजार्ट में मौजूद रिजार्टकर्मियों से गहरायी से पूछताछ करने पर पाया गया कि दिनांक 18 सितंबर रात आठ बजे अंकिता भंडारी का पुलकित आर्य, मैनेजर सौरभ भास्कर व अंकित उर्फ पुलकित गुप्ता के साथ रिसॉर्ट से जाना व उसके पश्चात किसी भी कर्मी द्वारा अंकिता भंडारी को रिसॉर्ट में ना देखा जाना प्रकाश में आया। घटनास्थल से महत्वपूर्ण जानकारी करने के पश्चात रिसॉर्ट के मैनेजर सौरभ भास्कर, पुलकित आर्य व अंकित ऊर्फ पुलकित गुप्ता को कब्जे में लिया गया, जिनसे अंकिता भण्डारी के गुम होने के सम्बन्ध में कड़ाई से पूछताछ की गयी तो उनके द्वारा अंकिता भण्डारी को चीला नहर कुनाउ पुल के पास नहर में धक्का देकर हत्या कर देना बताया गया। पुलकित आर्य, सौरभ भास्कर व अंकित उर्फ पुलकित गुप्ता को अंकिता भण्डारी की हत्या किये जाने के सम्बन्ध में धारा 302, 201, 120 बी के तहत 23 सितंबर को न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेजा गया। पूछताछ में बताये गये कुनाउ पुल चीला नहर में नहर के पानी को रुकवा कर अंकिता भण्डारी की तलाश की गयी तो दिनांक 24 सितंबर को एक महिला का शव चीला पॉवर हाउस इनटेक में नहर में मिला।
शव की पहचान अंकिता भंडारी के रुप में की गयी। चूंकि अपराध जघन्य महिला अपराध से सम्बन्धित था, इसलिए उच्चाधिकारीगणों के आदेशानुसार पुलिस उपमहानिरीक्षक कानून व्यवस्था पी. रेणुका देवी के नेतृत्व में एस.आई.टी का गठन कर विवेचनाकी गयी, साथ ही मृतका अंकिता भण्डारी के शव को पंचायतनामा कार्यवाही के पश्चात पोस्टमार्टम हेतु एम्स अस्पताल भेजा गया, जहां डाक्टरों का एक पैनल गठित कराकर अंकिता भण्डारी के शव के पोस्टमार्टम की विडोयोग्राफी करायी गयी, जिसकी पोस्टमार्टम रिपोर्ट प्राप्त की जा चुकी है।
एस.आई.टी द्वारा उक्त विवेचना में दौराने पूछताछ कई गवाहो के बयानात दर्ज किये गये। साथ ही उक्त अभियोग से सम्बन्धित महत्वपूर्ण गवाहो के अन्तर्गत धारा 164 सीआरपीसी के बयान माननीय न्यायालय में दर्ज कराये गये। विवेचना के दौरान घटना के संबंध मे पी.एम कर्ता एक्सपर्ट डाक्टरों से रिपोर्ट प्राप्त की गयी, व अभियोग से सम्बन्धित अन्य विभागों के की।