बेंगलुरू(आईएएनएस)| राज्य आंगनवाड़ी कर्मचारी संघ ने आंगनवाडी कार्यकर्ताओं की मांगों को पूरा करने के लिए कर्नाटक की सत्तारूढ़ भाजपा सरकार को 48 घंटे का समय दिया है, ऐसा नहीं करने पर बेंगलुरू में मुख्यमंत्री आवास का घेराव करने की धमकी दी है। हजारों आंगनवाड़ी (सरकारी प्री-स्कूल) कार्यकर्ता ग्रेच्युटी और सुप्रीम कोर्ट के दिशानिर्देशों को लागू करने की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन कर रही हैं। मंगलवार को प्रदर्शन के आठ दिन पूरे हो गए है।
सेंटर ऑफ इंडियन ट्रेड यूनियंस (सीटू) की अध्यक्ष एस. वरलक्ष्मी ने चेतावनी दी कि अगर मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने उनकी (आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं की) मांगों को पूरा करने का आदेश नहीं दिया, तो हजारों आंगनवाड़ी कार्यकर्ता मुख्यमंत्री बोम्मई के आवास का घेराव करेंगी। उन्होंने कहा, राज्य के हर बच्चे को भोजन और शिक्षा मिले, इसके लिए आंगनवाड़ी केंद्रों के कामकाज में बदलाव और उन्नयन किया जाना चाहिए। आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को ग्रेच्युटी दी जानी चाहिए। विरोध शुरू हुए आठ दिन हो चुके हैं, लेकिन महिला एवं बाल कल्याण मंत्री हलप्पा अचार ने इस मुद्दे को देखने की जहमत नहीं उठाई, यह निंदनीय है।
इस संबंध में तीन जनवरी को मंत्री हलप्पा को नोटिस दिया गया है। निदेशक स्तर पर दो बार बैठकें हो चुकी हैं और पिछले साल फ्रीडम पार्क और जिला केंद्रों पर विरोध प्रदर्शन किया गया है। वरलक्ष्मी ने कहा, लेकिन मंत्री हलप्पा और अधिकारी बातचीत के लिए तैयार नहीं हैं। कन्नड़ अभिनेता और कार्यकर्ता चेतन अहिंसा ने कहा कि आठ दिनों से आंगनवाड़ी कार्यकर्ता संरचनात्मक परिवर्तनों के लिए विरोध कर रहे हैं, जिसमें शिक्षक के रूप में वर्गीकृत करने की मांग भी शामिल है। आंगनवाड़ी महिलाएं बच्चों और गर्भवती महिलाओं की तरह समाज के सबसे जरूरतमंदों की सेवा करती हैं। उन्होंने कहा, मैं उनके साथ अपनी एकजुटता व्यक्त करता हूं।