आंध्र प्रदेश पुलिस को गुंटूर गैंगरेप मामले में 50 दिन बाद मिली बड़ी कामयाबी, 2 आरोपी गिरफ्तार

आंध्र प्रदेश के गुंटूर जिले के ताड़ेपल्ली इलाके में अपने मंगेतर के साथ घूमने गई एक युवती के साथ गैंगरेप के मामले में पुलिस ने रविवार को मुख्य आरोपी कृष्णा किशोर को करीब 50 दिन बाद गिरफ्तार कर लिया. इसके अलावा पुलिस ने एक तीसरे आरोपी शेख हबीब को भी गिरफ्तार किया है.

Update: 2021-08-08 16:56 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क :-  आंध्र प्रदेश के गुंटूर जिले के ताड़ेपल्ली इलाके में अपने मंगेतर के साथ घूमने गई एक युवती के साथ गैंगरेप के मामले में पुलिस ने रविवार को मुख्य आरोपी कृष्णा किशोर को करीब 50 दिन बाद गिरफ्तार कर लिया. इसके अलावा पुलिस ने एक तीसरे आरोपी शेख हबीब को भी गिरफ्तार किया है. वहीं दूसरा मुख्य आरोपी वेंकट प्रसन्ना अभी भी फरार है.

घटना 7 हफ्ते पहले 19 जून को आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री जगनमोहन रेड्डी के घर से करीब 3 किलोमीटर की दूरी पर हुई थी. ताड़ेपल्ली इलाके के कृष्णा नदी के किनारे सीतानगरम पुष्कर घाट के पास अज्ञात बदमाशों ने हमला कर पहले युवक के हाथ पैर बांधे और फिर उसकी मंगेतर के साथ गैंगरेप किया था. घटना के बाद पीड़िता के परिजनों ने मामला दर्ज कराया था. वहीं पीड़िता को मेडिकल जांच के लिए गुंटूर के सरकारी सामान्य अस्पताल में भर्ती कराया गया था.
इस मामले को लेकर विपक्षी पार्टियां ने किया था विरोध प्रदर्शन
इस मामले ने राज्यभर में सनसनी पैदा कर दी थी. वहीं विपक्षी पार्टियां ने इस मामले को लेकर काफी विरोध प्रदर्शन किया था. गुंटूर (ग्रामीण) पुलिस अधीक्षक आरिफ हफीज ने बताया था कि पुलिस ने मामला दर्ज कर आरोपियों को पकड़ने के लिए विशेष टीम गठित की थी. पुलिस के मुताबिक मुख्य आरोपी कृष्णा किशोर और वेंकट प्रसन्ना कंस्ट्रक्शन का काम करते थे. जब काम बंद हो गया था तो वो रेलवे लाइन के पास तांबे का तार चुराकर उसे बेचकर उन रुपए से अय्याशी करते थे.
19 जून को भी दोनों आरोपी तांबा चुरा रहे थे, तभी एक मूंगफली वाले ने उन्हें देख लिया. इसके बाद दोनों ने तांबे की तार से गला दबाकर मूंगफली वाले की हत्या कर दी और कृष्णा नदी में फेंक दिया. इसके बाद दोनों ने शराब पी और फिर शराब के नशे में कृष्णा नदी के किनारे से गुजर रहे थे, तभी उन्हें युवक-युवती दिखाई दिए. उन्होंने दोनों को ब्लेड दिखाकर युवक के हाथ पैर बांध दिए और युवती से गैंगरेप करने के बाद उसके सोने के जेवर और दोनों के फोन लूट लिए. इसके बाद दोनों नाव में विजयवाड़ा के लिए फरार हो गए थे.
पुलिस के अनुसार मामला गर्माता देख कृष्णा किशोर और वेंकट प्रसन्ना अलग-अलग हो गए थे. कृष्णा ने कर्नाटक के हुबली में जाकर कुछ दिन मजदूरी का काम किया और फिर तेलंगाना में जाकर अलग-अलग जगहों में मजदूरी का काम किया. इसके बाद फिर सिकंदराबाद स्टेशन के पास प्लास्टिक बोतलों को इकट्ठा करके बेचता था और रात को मंदिर के पास सो जाता था. इस बीच वो अपनी मां से मिलने ताड़ेपल्ली पहुंचा था. करीब 50 दिनों से कृष्णा किशोर को ढूंढ रही पुलिस को सूचना मिलते ही उसे उसके साथी हबीब के साथ गिरफ्तार कर लिया. पुलिस अभी दूसरे आरोपी वेंकट की तलाश कर रही है


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