जब पुलिस ने 80 साल के पूर्व मंत्री की भूख हड़ताल को किया विफल, जानें पूरा मामला
जबरन के एक अस्पताल में भर्ती कराया।
अमरावती (आईएएनएस)| आंध्र प्रदेश पुलिस ने कापू समुदाय के लिए 5 फीसदी आरक्षण की मांग को लेकर सोमवार से अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर जाने के पूर्व मंत्री और कापू नेता चेगोंडी हरिराम जोगैया के प्रयास को नाकाम कर दिया। पश्चिम गोदावरी जिले के पलाकोल में जोगैया के घर में रविवार देर रात तनाव फैल गया। पुलिस ने उन्हें जबरन एलुरु के एक अस्पताल में भर्ती कराया।
पुलिस अधिकारियों ने 80 वर्षीय नेता को अनशन न करने की सलाह दी है।
कापू समुदाय के नेता भी एकत्र हुए और जोगैया के अनशन के साथ अपनी एकजुटता व्यक्त करने के लिए नारे लगाने लगे।
कापू सेना की स्थापना करने वाले 85 वर्षीय नेता ने कथित तौर पर सोमवार को एलुरु अस्पताल के विशेष वार्ड में अपना अनशन शुरू किया। उन्होंने चिकित्सा सहायता लेने से इनकार कर दिया।
चेगोंडी हरिराम जोगैया डॉक्टरों की कड़ी निगरानी में हैं और उनकी हालत स्थिर बताई जा रही है।
वह आर्थिक रूप से पिछड़े वर्ग (ईबीसी) कोटे के तहत समुदाय के लिए 5 प्रतिशत आरक्षण की मांग कर रहे हैं।
पूर्व मंत्री ने आरोप लगाया कि राज्य सरकार ने उनकी मांग का जवाब नहीं दिया। उन्होंने सरकार को पत्र लिखकर 31 दिसंबर या उससे पहले कापुओं को आरक्षण के प्रावधान पर स्पष्ट आश्वासन मांगा था।
जोगैया ने कहा कि वह कापू आरक्षण के लिए अपनी जान देने को तैयार हैं।
जोगैया के साथ एकजुटता व्यक्त करने के लिए बड़ी संख्या में कापू सेना के नेता और कार्यकर्ता वहां पहुंचेंगे, इस खबर के मद्देनजर पुलिस ने अस्पताल में सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए हैं।
पुलिस ने जन सेना पार्टी (जेएसपी) के नेता रेड्डी अप्पला नायडू और डेंडुलुरु कापू संक्षेमा सेना के अध्यक्ष आदिशेशु को जोगैया से मिलने के लिए अस्पताल में प्रवेश करने से रोक दिया।
जेएसपी नेता ने आरोप लगाया कि वाईएसआर कांग्रेस पार्टी (वाईएसआरसीपी) सरकार जोगैया के प्रति बदले की भावना से काम कर रही है।
अप्पला नायडू ने कहा कि अगर जोगैया को कुछ होता है तो उसके लिए सरकार जिम्मेदार होगी। जेएसपी नेता ने कहा कि पुलिस ने उन्हें ऐसे रोका जैसे वे आतंकवादी हों।
उन्होंने आशंका व्यक्त की, कि अन्य कापू नेताओं को आवाज उठाने से रोकने के लिए जोगैया को मार दिया जा सकता है।