एक पहल-शक्ति से सुरक्षा की ओर" तथा "मैं हूं अभिमन्यु" अभियान का करियर कॉलेज में आयोजित किया
भोपाल। पुलिस द्वारा प्रदेश में "सृजन: एक पहल-शक्ति से सुरक्षा की ओर" अभियान का तथा और बालकों के मन में महिलाओं के प्रति सम्मान की भावना विकसित करने के उद्देश्य से “मैं हूं अभिमन्यु” अभियान का संचालन किया गया। इसके अंतर्गत पुलिस द्वारा मलिन बस्तियों में जाकर बालक-बालिकाओं को प्रशिक्षण दिया गया। भोपाल के करियर कॉलेज में 4 अक्टूबर को पुलिस और बचपन एनजीओ द्वारा "सृजन: एक पहल-शक्ति से सुरक्षा की ओर" और “मैं हूं अभिमन्यु” अभियान का समापन समारोह आयोजित किया गया, जिसमें सृजन अभियान से जुृड़ी बालिकाओं और “मैं हूं अभिमन्यु” से जुड़े बालकों ने विभिन्न प्रस्तुतियां दीं। बच्चों ने मार्शल आर्ट, गायन, नृत्य, पॉवर वॉक का प्रदर्शन कर अपने अनुभव साझा किए। इस अवसर पर “सृजन” व “मैं हूं अभिमन्यु” अभियान से जुड़े 350 बालक-बालिकाओं को प्रमाण-पत्र वितरित किए गए। वहीं प्रधान आरक्षक और आरक्षक के साथ अभियान से जुड़े पुलिस कर्मचारियों का भी इस दौरान सम्मान किया गया। समापन समारोह में एडिशनल डीसीपी, एडिशनल डीसीपी, एसीपी, महिला एवं बाल विकास विभाग से करियर कॉलेज के चेयरमैन कॉलेज के एडवाइज़र
बचपन एनजीओ कि निहारिका पंसोरिया सहित अन्य पुलिस अधिकारी-कर्मचारी, कॉलेज के पदाधिकारी और बड़ी संख्या में महिलाएं, बच्चे और उनके अभिभावक भी उपस्थित रहे। कार्यक्रम का शुभारंभ अतिथियों ने दीप प्रज्ज्वलित कर किया तत्पश्चात बालक-बालिकाओं ने मार्शल आर्ट का प्रदर्शन कर दर्शकों को रोमांचित कर दिया। इसके बाद “मैं हूं अभिमन्यु” अभियान से जुड़े बालकों व सृजन अभियान से जुड़ी बालिकाओं ने अपने अनुभव साझा किए। इसके बाद बालिकाओं ने हर क्षेत्र में महिलाओं की महत्वपूर्ण भूमिका को प्रदर्शित करते हुए उनकी वेशभूषा धारण कर फैंसी ड्रेस की आकर्षक प्रस्तुति दी। इसके बाद सृजन के बालक और “मैं हूं अभिमन्यु” अभियान के बालकों द्वारा नुक्कड़ नाटक की प्रस्तुति दी गई, जिसमें घरेलू हिंसा से संबंधित विषय को उठाकर सभी को जागरूक किया। इस शिविर में बालिकाओं को उनके मौलिक अधिकारों, संविधान, करियर काउंसलिंग, योग, पीटी, स्वास्थ्य संबंधी गतिविधियों और शासन की जन हितैषी योजनाओं आदि की जानकारी दी गई। साथ ही मोटिवेशनल स्पीच, सायबर क्राइम पर कार्यशाला और आत्मरक्षा का प्रशिक्षण देने के साथ ही उनकी छिपी प्रतिभा को भी निखारा गया। ये शिविर उदय, संगिनी, बचपन और आरंभ जैसी स्वयंसेवी संस्थाओं के सहयोग से आयोजित किए गए। इनमें विभिन्न गतिविधियों से संबंधित प्रशिक्षकों द्वारा बालिकाओं को प्रशिक्षण दिया गया।
सामुदायिक पुलिसिंग के अंतर्गत पुलिस द्वारा आर्थिक रूप से कमजोर परिवार और मलिन बस्तियों में रहने वाली बालिकाओं के कल्याण के लिए ‘सृजन : एक पहल-शक्ति से सुरक्षा की ओर’ अभियान का संचालन किया गया। इस अभियान के तहत पुलिस ने मलिन बस्तियों में जाकर स्वयंसेवी संस्थाओं के सहयोग से बालिकाओं को मौलिक अधिकारों, करियर काउंसलिंग और आत्मरक्षा सहित अन्य प्रशिक्षण दिया।भोपाल कमिश्नरेट के अलग-अलग क्षेत्रों में ये शिविर लगाए गए। प्रत्येक शिविर 15 दिवस का होता है, जिसमें विगत 16 महीनों में 1000 बालिकाओं को प्रशिक्षित किया जा चुका है। साथ ही मैं हूं अभिमन्यु अभियान के अंतर्गत 300 बालकों को प्रशिक्षित किया जा चुका है। एक पहल-शक्ति से सुरक्षा की ओर’ अभियान के तहत अब तक भोपाल में नौ शिविरों का आयोजन कर चुकी है। भोपाल कमिश्नरेट में प्रशिक्षण शिविर की शुरूआत जून 2022 में जाटखेड़ी स्थित एक स्कूल से हुई थी । इसके बाद से निरंतर प्रशिक्षण शिविर आयोजित किए जा रहे हैं। अभियान के अंतर्गत प्रशिक्षण के पश्चात पुलिस लगातार इन बालिकाओं से संपर्क में रही और उनसे अपने क्षेत्र और बस्तियाें के बारे में जानकारी ली। बालिकाओं ने सहज रूप में समस्याओं के बारे में पुलिस को अवगत कराया और कानून एवं शांति व्यवस्था बनाए रखने और आपराधिक घटनाओं काे नियंत्रित करने में अपना योगदान दिया। बालिकाओं ने प्रशिक्षित होने के बाद अन्य बालिकाओं और महिलाओं को भी प्रशिक्षण दिया और अनैतिक गतिविधियों को रोकने में पुलिस का सहयोग किया। ऐसे कई उदाहरण हैं, जहां इन बालिकाओं की जागरूकता से पारिवारिक विवादों का निपटारा हुआ है।