अमृतपाल सिंह हुआ गिरफ्तार, जानिए क्या है सच्चाई

वकील ने किया बड़ा दावा

Update: 2023-03-19 17:57 GMT

न्यूज़ क्रेडिट: आज तक

नई दिल्ली। खालिस्तानी समर्थक अमृतपाल सिंह का मामला पंजाब में गरमाया हुआ है. राज्य में धारा-144 लागू है और इंटरनेट सेवा बाधित है. इसी बीच अमृतपाल का मामला हाईकोर्ट पहुंच गया है. उसके वकील द्वारा बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दाखिल की गई है. वकील ईमान सिंह खारा का कहना है कि पुलिस ने अमृतपाल को अरेस्ट कर लिया है. उसे 24 घंटे में कोर्ट के सामने पेश करना था, लेकिन ऐसा नहीं किया गया है और कानून का उल्लंघन किया गया है. पुलिस से अमृतपाल की जान को खतरा है.
उन्होंने कहा, "पुलिस की 150 गाड़ियों का काफिल हो और अमृतपाल अपनी गाड़ी से फरार हो जाए, ऐसा हो नहीं सकता है. हमें पुलिस और राज्य सराकर पर जरा सा भी यकीन नहीं है, इसलिए हम कोर्ट पहुंचे. रविवार को कोर्ट बंद होने की वजह से स्पेशल हियरिंग हुई. जस्टिस एनएस शेखावत के कैंप कार्यालय में सुनवाई के दौरान पंजाब के एडवोकेट जनरल भी मौजूद थे".
उन्होंने आगे बताया, "मामले में डेढ़ घंटे तक सुनवाई हुई. दलीलें सुनने के बाद जज ने पंजाब पुलिस को तलब किया है. अब मामले में परसों (21 मार्च) सुनवाई होगी". बता दें कि हाईकोर्ट ने इस मामले में वारंट ऑफिसर नियुक्त करने से इनकार कर दिया है. 'वारिस पंजाब दे' संगठन का प्रमुख अमृतपाल सिंह मुश्किलों में फंसा हुआ है.
इस समय वो पुलिस से लेकर जांच एजेंसियों की रडार पर है. उसे भगोड़ा घोषित कर दिया गया है. पंजाब पुलिस ने उसके संगठन से जुड़े 78 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है. पुलिस का कहना है कि अमृतपाल अपनी प्राइवेट फौज तैयार रहा था. इसके लिए माहौल खराब करने की कोशिश की जा रही थी. जानकारी के मुताबिक, पुलिस को अमृतपाल के घर से कुछ जैकेट मिली हैं. ये जैकेट आनंदपुर खालसा फोर्स की हैं.
पुलिस का कहना है कि अमृतपाल ने आनंदपुर खालसा फोर्स (AKF) बनाने की तैयारी कर ली थी. उसके घर की दीवार और गेट पर भी 'AKF' लिखा मिला है. अमृतपाल के साथियों से जो हथियार बरामद हुए हैं, उन पर भी AKF लिखा गया है. यानी इस बात के पुख्ता सबूत हाथ लगे हैं कि अमृतपाल सिंह आनंदपुर खालसा फोर्स नाम से अपनी खुद की फौज खड़ी कर रहा था. पुलिस ने अमृतपाल सिंह का ISI से कनेक्शन भी होने का दावा किया है.
बता दें कि 23 फरवरी को अमृतपाल और उसके समर्थकों ने पंजाब के अजनाला थाने में हंगामा और बवाल किया था. अमृतपाल अपने साथी लवप्रीत तूफान की कस्टडी का विरोध कर रहा था. उस पर अगवा करने और मारपीट का आरोप था. इस मामले में पुलिस को बैकफुट पर जाना पड़ा था और लवप्रीत को रिहा कर दिया था. बाद में पुलिस ने अमृतपाल पर शिकंजा कसना शुरू किया.
अमृतपाल सिंह पंजाब के अमृतसर के जल्लूपुर गांव का रहने वाला है. फरवरी 2022 तक अमृतपाल सिंह दुबई में रह कर अपने रिश्तेदार के ट्रांसपोर्ट बिजनेस में मदद कर रहा था. इससे पहले अमृतपाल की खालिस्तान समर्थक नेताओं के विपरीत लाइफ स्टाइल थी. वो सिख जीवन शैली का पालन नहीं करता था. यही वजह है कि उसने दुबई में रहते हुए पगड़ी नहीं पहनी. जबकि, सिख धर्म में पगड़ी को एक प्रतीक के तौर पर माना जाता है. इतना ही नहीं, अमृतपाल फैंसी तौर पर बाल कटवाता था.
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