भारत में ऑपरेशनल क्षमताएं दिखाने पहुंचे अमेरिका के Super Hornet लड़ाकू विमान
नई दिल्ली: भारतीय नौसेना अपने स्वदेशी INS विक्रांत के लिए लड़ाकू विमानों की तलाश कर रही है. इसके लिए नौसेना राफेल विमान बनाने वाली फ्रेंच कंपनी दसॉ एविएशन और अमेरिकी कंपनी बोइंग से बात कर रही है. दो महीने पहले राफेल मरीन (Rafale Marine) ने भारत आकर ट्रायल किया था और अब बोइंग के दो F/A-18 Super Hornet Figher Jet भी भारत पहुंच गए हैं. यहां गोवा में INS विक्रांत पर इनका ट्रायल किया जाएगा. इस दौरान इस लड़ाकू विमान की क्षमता भी परखी जाएगी.
जानकारी के मुताबिक, भारतीय नौसेना एक ऐसे एयरक्राफ्ट को खरीदने की तैयारी कर रही है, जो न्यूक्लियर लोड्स की डिलीवरी करने में भी सक्षम हो. साथ ही एअर-टू-एअर और एअर-टू-ग्राउंड मिसाइल के अलावा गाइडेड बॉम्ब्स को भी लोड कर सके. बताया जा रहा है कि नेवी शुरुआत में 26 विमान खरीदना चाहती है.
इन लड़ाकू विमानों को INS विक्रांत पर तैनात किया जाएगा. फरवरी में राफेल-मरीन की टेस्टिंग हुई थी. अब F/A-18 सुपर हॉर्नेट विमानों की टेस्टिंग हो रही है. इसके बाद ही इन दोनों में से किसी एक को चुना जाएगा.
क्या है इसकी खासियत?
सुपर हॉर्नेट को अमेरिकी कंपनी बोइंग ने बनाया है. इसकी अधिकतम गति 2,222.4 किमी प्रतिघंटा है. सुपर हॉर्नेट 228 मीटर प्रति सेकंड की गति से ऊपर जाता है. ये आसमान में 50 हजार फीट की ऊंचाई तक उड़ सकता है.
सुपर हॉर्नेट में एक या दो पायलट बैठ सकते हैं. इसकी लंबाई 60 फीट है, जबकि विंग स्पान 44 फीट है. इसका वजन 14 हजार 552 किलोग्राम है. सुपर हॉर्नेट में AIM-120 AMRAAM मिसाइल लगती है. इसमें 20 मिमी कैलिबर की M61A1 वल्कैन तोप लगी है.
क्या है नेवी का प्लान?
भारतीय नौसेना (Indian Navy) शुरुआत में 26 फाइटर जेट खरीदना चाहती है. जिसमें 18 सिंगल सीटर और 8 ट्विवन सीटर ट्रेनर्स शामिल है. उसने 2017 में 57 मल्टीरोल एयरक्राफ्ट के लिए रिक्वेस्ट ऑफ इन्फॉर्मेशन (RFI) जारी किया था. फाइटर जेट्स को भारतीय जरूरतों के हिसाब से कई तरह की जांच प्रक्रियाओं से गुजारा जा रहा है. क्योंकि इसमें परमाणु हथियार भी लगेंगे. मीटियोर, स्कैल्प और हैमर मिसाइलों को लगाने की बात चल रही है.