अमेरिका अपने गिरेबान में झांको! भारत ने बाइडन प्रशासन को दिखाया आईना, कही यह बात
नई दिल्ली: पूरी दुनिया को मानवाधिकारों पर ज्ञान देने वाले अमेरिका ने कुछ दिन पहले अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता पर एक रिपोर्ट जारी की थी. उस रिपोर्ट में भारत को लेकर कहा गया कि वहां पर 2021 में अल्पसंख्यकों पर कई हमले हुए. ये भी दावा कर दिया गया कि भारत में गैर-हिंदुओं के खिलाफ गौ रक्षा के नाम पर हिंसा की गई. अब गृह मंत्रालय की तरफ से अमेरिका को मुंहतोड़ जवाब दिया गया है.
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने इसे अमेरिका की वोट बैंक वाली राजनीति बता दिया है. वे कहते हैं कि हमने अमेरिका की अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता पर एक रिपोर्ट देखी है. ये दुख की बात है कि अंतरराष्ट्रीय रिश्तों के बीच में भी वोट बैंक की राजीनीति आड़े आ रही है. पूर्वाग्रह से प्रेरित बयानों को समीक्षा का हिस्सा बनाने से बचना चाहिए. अब भारत ने अपने जवाब में अमेरिका में मौजूद गन कल्चर का मुद्दा भी उठा दिया है. अरिंदम बागची ने इसको लेकर कहा है कि भारत में हमेशा से सभी की आजादी का ध्यान रखा गया है. अमेरिका से जब भी हमारी बातचीत होती है, हम हमेशा वहां पर श्वेत-अश्वेत के नाम पर हो रहे भेदभाव का मुद्दा उठाते हैं, हेट क्राइम और बंदूक प्रेरित हिंसा का भी जिक्र करते हैं.
अब गृह मंत्रालय ने गन कल्चर का मुद्दा उठा अमेरिका को ही आईना दिखाने का काम कर दिया है. पिछले कई दिनों से अमेरिका में गोलीबारी की बड़ी घटनाएं हो चुकी हैं. टेक्सास में तो मासूम बच्चों पर ताबड़तोड़ फायरिंग कर दी गई थी, जिसमें 20 से ज्यादा छात्रों की मौत हुई. इसके अलावा अमेरिका में मुस्लिम समुदाय पर भी समय-समय पर कई स्थानों पर भेदभाव होता देखा गया है. Pew Research Center ने 2009, 2014, 2017, 2019 और फिर 2021 में एक सर्वे किया था. उस सर्वे में अमेरिकी लोगों से पूछा गया था कि आपकी नजरों में कौन से समुदाय के लोगों को सबसे ज्यादा भेदभाव का शिकार होना पड़ता है, ऐसा कौन सा वर्ग है जिसे धार्मिक आधार पर परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. इस सर्वे में अमेरिकी लोगों की एक ही राय रही है और वो हैं मुस्लिम. दूसरे समुदाय जैसे कि यहूदी, ईसाई, मॉर्मन के साथ भी समान व्यवहार नहीं किया जाता, लेकिन सबसे ज्यादा दिक्कतों का सामना मुस्लिम समाज ही करता है.
अब ऐसा नहीं है कि सिर्फ एक सर्वे इस ओर इशारा करता है. Institute for Social Policy and Understanding ने भी साल 2020 में एक विस्तृत रिपोर्ट तैयार की थी. तब भी ये बात प्रमुखता से कही गई कि सबसे ज्यादा भेदभाव का शिकार मुस्लिम समाज हो रहा है. उस रिपोर्ट में ये भी बताया गया कि अमेरिकी एयरपोर्ट पर भी दूसरे धर्मों की तुलना में अगर कोई मुस्लिम शख्स एंट्री लेता है, तो उसे शक की निगाह से देखा जाता है और उसको ज्यादा चुनौतियों का सामना करना पड़ता है.