नई दिल्ली: भारत के रूस से एस-400 मिसाइल डिफेंस सिस्टम खरीदने के फैसले को लेकर अमेरिका ने एक बार फिर आपत्ति जताई है. अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन के प्रशासन की एक सीनियर अधिकारी ने बुधवार को कहा कि रूस से एस-400 ट्रायम्फ मिसाइल रक्षा प्रणाली खरीदने का भारत का निर्णय दोनों देशों के संबंधों में एक 'समस्या' के तौर पर सामने आया है. अमेरिकी अधिकारी ने कहा कि ये सौदा सुरक्षा के लिहाज से भी किसी के हित में नहीं है. हालांकि उन्होंने ये भी कहा कि अमेरिका और भारत एक मजबूत पार्टनर रहे हैं और उम्मीद है कि दोनों देश इस मुद्दे को द्विपक्षीय वार्ता के माध्यम से हल करने में सक्षम होंगे.
अमेरिका की डिप्टी सेक्रेटी ऑफ स्टेट वेंडी शर्मन ने नई दिल्ली में पत्रकारों के साथ बातचीत में कहा कि जो भी देश एस-400 का इस्तेमाल करने का फैसला करता है, उन्हें लेकर हमारी नीतियां सार्वजनिक रही हैं. हमें लगता है कि ये खतरनाक है और ये किसी के भी सुरक्षा हितों में नहीं है. हालांकि, इसके बावजूद मैं कहना चाहूंगी कि भारत और अमेरिका के संबंध काफी मजबूत हैं. बता दें कि रूस से एस-400 मिसाइल सिस्टम खरीदने की वजह से अमेरिका ने नैटो के सदस्य देश तुर्की पर प्रतिबंध लगाए थे. ऐसे में, इस बात की आशंका जताई जाती रही है कि अमेरिका भारत पर भी इस तरह के प्रतिबंध लगा सकता है.
वेंडी शर्मन ने विदेश सचिव हर्ष श्रृंगला के साथ अपनी मीटिंग के दौरान रूस से S-400 मिसाइल रक्षा प्रणाली खरीदने के भारत के कदम पर अमेरिका की असहजता को दोहराया. वेंडी से एक पत्रकार ने पूछा कि क्या रूस की एस-400 खरीदने पर अमेरिका भारत पर प्रतिबंध लगा सकता है? इस पर वेंडी ने कहा कि हम भविष्य को लेकर काफी सोच-विचार कर रहे हैं और हमारे देशों के बीच वार्ता से कई समस्याएं सुलझी हैं. हम उम्मीद करते हैं कि हम इस समस्या को सुलझाने में भी कामयाब होंगे.
एक सोर्स के मुताबिक, वेंडी शर्मन और हर्ष श्रृंगला ने रूस के साथ भारत के एस-400 सौदे पर चर्चा की थी. भारत के रक्षा सचिव अजय कुमार जल्द ही अमेरिकी रक्षा नीति समूह की मीटिंग में शामिल होने के लिए वॉशिंगटन जाएंगे. इस बैठक में भी एस-400 मुद्दे पर चर्चा होने की संभावना है. अमेरिका इससे पहले भी कई मौकों पर संकेत दे चुका है कि रूस-भारत का एस-400 मिसाइल सौदा अमेरिका-भारत की रक्षा साझेदारी को खतरे में डाल सकता है और अमेरिका काउंटरिंग अमेरिका एडवर्सरिज थ्रू सैंक्शन एक्ट CAATSA के सेक्शन 231 के तहत अमेरिका भारत पर प्रतिबंध भी लगा सकता है. हालांकि, वेंडी ने साफ किया कि एस-400 सौदे को लेकर संभावित प्रतिबंध के बारे में कोई भी फैसला राष्ट्रपति जो बाइडेन और विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन लेंगे.
गौरतलब है कि वायुसेना प्रमुख वी आर चौधरी ने मंगलवार को कहा था कि एस-400 मिसाइल प्रतिरक्षा प्रणाली का पहला बैच इस साल भारत पहुंच जाएगा. अक्टूबर, 2018 में भारत ने रूस के साथ पांच यूनिट एस-400 वायु प्रतिरक्षा मिसाइल प्रणाली खरीदने के लिए पांच अरब डालर का सौदा किया था. अमेरिका काउंटरिंग अमेरिका एडवर्सरिज थ्रू सैंक्शन एक्ट (सीएएटीएसए) के जरिये रूस से एस-400 मिसाइल प्रतिरोधी प्रणाली खरीदने को लेकर तुर्की पर पहले ही प्रतिबंध लगा चुका है.