नई दिल्ली: बचपन से हम सभी सुनते आ रहे है कि पृथ्वी गोल घूमती है. बड़े-बड़े वैज्ञानिक भी दावा करते हैं कि धरती अपने ध्रुव पर घूमती है और सूरज का चक्कर लगाती है. लेकिन हमें कभी इस बात का अहसास नहीं होता. जरा सोचिए अगर कभी हमें धरती घूमने का अहसास हो तो कैसा लगेगा. एक एस्ट्रोफोटोग्राफर (Astrophotographer) ने ऐसा हमारे लिए कर दिया है. आर्यह निरेनबर्ग (Aryah Nirenberg) नाम के एस्ट्रोफोटोग्राफर ने बड़ी मेहनत कर एक वीडियो बनाया है. इसमें आप साफ देख सकते हैं कि पृथ्वी कैसे घूमती है.
रितेश देशमुख ने किया शेयर
आपको बता दें कि इस वीडियो को एक्टर रितेश देशमुख ने अपने ट्विटर अकाउंट पर शेयर किया है. उन्होंने अपनी इस पोस्ट के साथ कैप्शन लिखा है, 'हम जानते हैं कि पृथ्वी अपने एक्सिस पर घूमती है और सूर्य के चक्कर लगाती है. लेकिन हम इसे बिल्कुल महसूस नहीं कर सकते. आर्यह निरेनबर्ग ने एक असाधारण सुंदर वीडियो क्लिक किया है. जहां हम पृथ्वी घूमने का अनुभव कर सकते हैं. रितेश ने आगे बताया कि निरेनबर्ग ने तीन घंटों में हर 12 सेकंड में तस्वीरें क्लिक कीं. कैमरा मिल्की वे एक ही हिस्से को देख रहा है, इस लिए यह स्थिर दिखाई देता है. पृथ्वी की हलचल को बड़ी खूबसूरती से महसूस किया जा सकता है.'
इस समय है 50 साल की सबसे अधिक स्पीड
पिछले 50 सालों के इतिहास में धरती सबसे तेजी (Earth Is Spinning Faster Than Any Time In Past 50 Years) से घूम रही है. साइंटिस्ट (Scientist) बेहद परेशान हैं कि इसे कैसे मैनेज किया जाए. इस समय धरती सामान्य गति से तेज (Scientists Shocked To Know Earth Is Spinning Faster Than Ever) चल रही है. धरती 24 घंटे के समय से ज्यादा समय लेकर अपनी धुरी पर घूम रही थी. लेकिन पिछले साल जून से 24 घंटे से भी कम समय में धरती अपनी धुरी पर एक चक्कर लगा रही है.
50 साल का सही आंकड़ा
धरती 24 घंटे के समय से ज्यादा समय लेकर अपनी धुरी पर घूम रही थी. लेकिन पिछले साल जून से 24 घंटे से भी कम समय में धरती अपनी धुरी पर एक चक्कर लगा रही है. इस समय धरती 24 घंटे में 0.5 मिलीसेकंड (Earth Is Spinning Faster Than Ever) कम में एक चक्कर लगा रही है. हमारे 24 घंटे में से अब 0.5 मिलीसेकंड कम हो गए हैं.गौरतलब है कि पिछले 50 सालों से धरती के घूमने का बिल्कुल सही आकंड़ा लिया जा रहा है. 24 घंटे में कुल 86,400 सेकंड होते हैं यानी 86,400 सेकंड में हमारी धरती एक चक्कर पूरा करती है. लेकिन आपको बता दें कि पिछले साल जून से 86,400 सेकंड में 0.5 मिलीसेकंड की कमी आ गई है.
लीप सेकंड हटाने का समय
पेरिस स्थित इंटरनेशनल अर्थ रोटेशन सर्विस (International Earth Rotation Service) के वैज्ञानिक समय के साथ सामंजस्य बनाए रखने के लिए 70 के दशक से अब तक 27 लीप सेकंड जोड़ चुके हैं. इससे पहले साल 2016 में लीप सेकंड जोड़ा गया था. लेकिन अब इस बार लीप सेकंड हटाने का समय आ गया है यानी निगेटिव लीप सेकंड जोड़ना पड़ेगा.
समय के साथ चलने के लिए जाना होगा पीछे
नेशनल फिजिकल लेबोरेटरी के सीनियर रिसर्च साइंटिस्ट पीटर व्हिब्बर्ली (National Research Laboratory Senior Research Scientist Peter Whibberly) ने स्वीकारते हुए कहा कि धरती अपने तय समय से कम समय में एक चक्कर पूरा कर रही है. ऐसा पिछले 50 सालों में पहली बार हुआ है. इतना ही नहीं, उन्होंने यह भी कहा कि धरती पर रहे लोगों को समय के साथ चलने के लिए निगेटिव लीप सेकंड जोड़ना पड़ेगा.